देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों H3N2 फ्लू के प्रकोप से गुजर रही है। यह इन्फ्लूएंजा A वायरस का एक प्रकार है। अस्पतालों ने इस घातक वायरस, इसके लक्षणों और समय पर इससे बचाव के उपायों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए अलर्ट जारी किया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने भी कहा है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। साथ ही उन्होंने कहा है कि लोगों को H3N2 फ्लू को लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।
H3N2 फ्लू क्या है?
H3N2 एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा A वायरस है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि ये एक प्रकार का मौसमी फ्लू है। हालांकि, इसके बावजूद सावधानी की जरूरत होती है नहीं तो ये घातक भी साबित हो सकता है। शुरुआत में यह वायरस नुकसानदायक जैसा नहीं लगता, लेकिन जल्दी ही वायरस का यह स्ट्रेन म्यूटेट होने लगता है। इससे इसे नियंत्रित करना कई बार ज्यादा मुश्किल हो जाता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलने पर यह वायरस श्वसन बूंदों के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। यहाँ तक कि संक्रमित व्यक्ति के नजदीक रहना या दूषित सतहों के संपर्क में आनेसे भी यह आपको संक्रमित कर सकता है।
H3N2 फ्लू: क्या है इससे संक्रमण के लक्षण?
इस वायरस से संक्रमित होने पर तेज बुखार (कई बार अचानक) आ सकता है। लगातार खांसी रहती है और गले में भी दर्द या जलन महसूस होगा। कभी-कभी सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है। इसके अलावा पूरे बदन और मांसपेशियों में दर्द रहता है। कमजोरी, सिरदर्द, नाक बहना और कई बार बेचैनी या उल्टी (बच्चों में ज्यादा) हो सकती है।
इसके लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 1-4 दिन बाद विकसित होते हैं। वैसे ज्यादातर लोग बिना किसी ज्यादा परेशानी के ठीक हो सकते हैं, लेकिन कभी-कभी ये फ्लू निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी में बदल सकता है। यह खासतौर पर वृद्धों, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं में ज्यादा मुश्किलें पैदा कर सकता है।
H3N2: ठीक होने में कितना समय लगता है और क्या है बचाव?
ज्यादातर लोग आराम करके भी चार-पांच दिनों में H3N2 फ्लू से उबर जाते हैं, जबकि कुछ अन्य लोगों को बुखार और शरीर में दर्द जैसे लक्षणों से राहत पाने के लिए दवाओं का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। अगर लक्षण से राहत महसूस नहीं होता दिखता है तो दो से तीन दिनों में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर एंटी-वायरल दवाएँ भी लिख सकते हैं।
इस वायरस से बचाव के लिए जरूरी है कि आप हर साल फ्लू का टीका लें। इसके अलावा समय-समय पर साबून से हाथ धोते रहना चाहिए। संक्रमित लोगों से दूर रहें। खांसी या छींक आते समय अपने मुंह पर टीशू या रूमाल आदि रखें ताकि दूसरा संक्रमित नहीं हो। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना चाहिए।
कुल मिलाकर H3N2 संक्रमण को लेकर लापरवाही बरतने से ये एक बड़ा स्वास्थ्य खतरा बन सकता है। इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत है और लक्षण नजर आने पर अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
दिल्ली सरकार ने क्या बताया है?
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने शुक्रवार को भरोसा दिलाया कि एच3एन2 फ्लू को लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह वायरल संक्रमण है और गंभीर नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। मरीजों की जांच, दवाइयों और बेड आदि की व्यवस्था की जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अफवाहों से बचने को कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि बेवजह डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह मौसमी फ्लू है, और थोड़ी सावधानी बरतते हुए इससे बचाव किया जा सकता है।