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यूपी के शहरों में तीन चरणों में लागू होगी ‘ग्रीन सिटी मॉनिटरिंग’ प्रणाली, ऐसे तय होगी हर शहर की ग्रीन रैंकिंग

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन सिटी मॉनिटरिंग (GCM) प्रणाली शुरू करने का ऐलान किया है। इस नई प्रणाली के तहत राज्य के शहरों के ग्रीन कवर की वैज्ञानिक निगरानी की जाएगी और उनकी हरित रैंकिंग तय होगी। नगर विकास विभाग द्वारा विकसित यह नीति तीन चरणों में लागू की जाएगी, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक पूरे प्रदेश को “अल्टीमेट ग्रीन सिटी” मॉडल की ओर ले जाना है।

क्या है जीसीएम प्रणाली?

GCM प्रणाली यानी Green City Monitoring System, शहरी क्षेत्रों में हरित आवरण (ग्रीन कवर), पर्यावरणीय प्रयासों और टिकाऊ विकास कार्यों की निगरानी और मूल्यांकन की एक संरचित प्रक्रिया है। यह प्रणाली तीन स्तरों पर काम करेगी— स्थानीय निकाय स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर।

स्थानीय स्तर: नगर आयुक्त या जिलाधिकारी की अगुवाई में जिला पर्यावरण समिति बनाई जाएगी, जो तिमाही और वार्षिक रिपोर्ट तैयार कर राज्य पोर्टल पर अपलोड करेगी।

राज्य स्तर: स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत एक तकनीकी समिति और समर्पित निगरानी टीम बनेगी।

राष्ट्रीय स्तर: थर्ड पार्टी निरीक्षण के जरिए देश के प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा निष्पक्ष मूल्यांकन होगा।

कैसे होगी ग्रीन रैंकिंग?

शहरों को उनके जीसीएम स्कोर के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा जाएगा- ग्रीन, ग्रीन+, ग्रीन++ और ग्रीन+++। जो शहर न्यूनतम मापदंडों को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें ‘अपात्र’ श्रेणी में रखा जाएगा।

मूल्यांकन में उपग्रह चित्रों, मोबाइल ऐप्स, भू-संदर्भित उपकरणों और वनस्पति सूचकांक (Vegetation Index) जैसे तकनीकी माध्यमों का प्रयोग होगा। इससे यह पता चलेगा कि किसी शहर में हरियाली का विस्तार कितना हुआ है और पौधों की सेहत कैसी है।

कैसे और कब लागू होगी योजना?

तीन चरणों में लागू होगी जीसीएम प्रणाली:

2025-2027: स्मार्ट सिटी और बड़े महानगर

2027-2030: वे शहर जिनकी आबादी 1 लाख से अधिक है

2030 के बाद: राज्य की सभी नगर पालिकाएं और नगर पंचायतें

क्या है इसका मकसद?

इस कैटेगरी के आधार पर, शहरी निकाय अपने ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए सभी संभव प्रयास करेंगे। इसमें प्रशासनिक प्रयासों के साथ-साथ जनभागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा। योगी सरकार की इस पहल का लक्ष्य प्रदेश के सभी शहरों को ‘अल्टीमेट ग्रीन सिटी’ के तौर पर विकसित करना है, जिससे उत्तर प्रदेश हरित और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ शहरों की दिशा में एक अग्रणी राज्य बन सके।

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