Homeकारोबारफर्जी टैक्स छूट पर विभाग का शिकंजा, 150 ठिकानों पर छापे, 1,045...

फर्जी टैक्स छूट पर विभाग का शिकंजा, 150 ठिकानों पर छापे, 1,045 करोड़ की रिकवरी

नई दिल्लीः आयकर विभाग ने देशभर में फर्जी टैक्स छूट और कटौती का दावा करने वालों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है। सोमवार को शुरू हुए इस राष्ट्रीय सत्यापन अभियान में विभाग ने 150 से अधिक ठिकानों पर जांच की।

 इस जांच के दायरे में सरकारी विभागों, कॉर्पोरेट कर्मचारियों, शैक्षणिक संस्थानों और कारोबारियों थे, जिन्होंने स्वास्थ्य बीमा, शिक्षा ऋण, एचआरए और दान के नाम पर बिना वैध दस्तावेजों के करोड़ों की छूट ली।

मल्टीपल डेटाबेस से पकड़े गए संदिग्ध, 40,000 ने मानी गलती

 केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बताया कि विभाग ने आधिकारिक डेटाबेस और डिजिटल एनालिटिक्स की मदद से ऐसे करदाताओं को पहचाना, जिन्होंने गैर-वाजिब दावों के जरिए टैक्स चोरी की। कार्रवाई से पहले करदाताओं को रिटर्न संशोधित करने का मौका दिया गया था, जिसके बाद 40,000 से अधिक लोगों ने 1,045 करोड़ रुपये की फर्जी छूट वापस ली।

विभाग ने कहा कि यह कार्रवाई आयकर अधिनियम 1961 के तहत मिलने वाले कर लाभों के दुरुपयोग के विस्तृत विश्लेषण के बाद शुरू की गई है। जांच में सामने आया है कि कुछ ITR तैयार करने वाले पेशेवर और बिचौलिए संगठित तरीके से फर्जी छूट और छूट संबंधी दस्तावेज तैयार कर टैक्स चोरी में मदद कर रहे हैं। इन बिचौलियों ने करदाताओं को गुमराह कर उनके नाम से झूठे खर्च और दान दिखाकर रिटर्न फाइल किए।

देश के कई राज्यों में छापे, डिजिटल सबूत जुटाए गए

विभाग ने महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में 150 ठिकानों पर सर्च और जब्ती अभियान चलाया। इस दौरान कई डिजिटल दस्तावेज, लेनदेन से जुड़ी फाइलें और अन्य साक्ष्य जब्त किए गए हैं, जो इन रैकेट्स को बेनकाब करने में मदद करेंगे।

आयकर विभाग ने मल्टीपल डेटाबेस और एनालिटिक्स टूल्स की मदद से उन लोगों की पहचान की जो संदेहास्पद दावों के जरिये कर चोरी कर रहे थे। इस जांच से पहले विभाग ने एक जागरूकता अभियान चलाया था, जिसमें करदाताओं को अपने रिटर्न स्वेच्छा से सुधारने का मौका दिया गया था।

प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने के अनुसार, इस अभियान के तहत पिछले चार महीनों में 40,000 से अधिक करदाताओं ने अपने आईटीआर अपडेट किए और 1,045 करोड़ रुपये की फर्जी छूट वापस ली। हालांकि विभाग का कहना है कि अब भी कई लोग गैर-अनुपालन की स्थिति में हैं, जो संभवतः इन रैकेट के मास्टरमाइंड के प्रभाव में हैं।

विभाग ने साफ कर दिया है कि अब सिर्फ वेरिफिकेशन नहीं, बल्कि सख्त कार्रवाई का दौर शुरू हो चुका है। जहां जरूरी होगा, वहां जुर्माना और अभियोजन तक की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि ऐसी धोखाधड़ी करने वालों को सबक मिल सके।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version