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दिल्ली-नोएडा से लखनऊ ईडी की ताबड़तोड़ी छापेमारी, भूटानी ग्रुप और WTC ग्रुप पर एक्शन

नई दिल्ली: देश की शीर्ष जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में भूटानी ग्रुप और डब्लूटीसी बिल्डर्स और उसके प्रमोटर्स के ठिकानों पर सर्च अभियान चलाया। भूटानी ग्रुप पर जांच एजेंसी की रेड पहली नहीं है। इससे पहले भी कई बार कंपनी अलग-अलग जांच एजेंसियों के निशाने पर रही है।

पिछले साल जनवरी में इनकम टैक्स (आईटी) विभाग की 40 टीमों ने नोएडा के चार बिल्डर्स पर टैक्स चोरी के लिए छापा मारा था। इसमें भूटानी ग्रुप का भी नाम था। छह दिन तक चली इस सर्च में आईटी विभाग के अधिकारियों ने 1,500 करोड़ रुपये का कैश पकड़ा था। इस दौरान अधिकारियों ने भूटानी ग्रुप के कर्मचारियों द्वारा छिपाई गई दो पेन ड्राइव भी पकड़ी थीं।

पेन ड्राइव से प्राप्त आंकड़ों से पता लगा कि भूटानी ग्रुप ने वित्त वर्ष 2019-20 से अब तक 595 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी स्वीकार की है। ग्रुप को वित्त वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में 429 करोड़ रुपये की नकदी प्राप्त हुई थी। भूटानी इन्फ्रा ने नवंबर 2024 में पीएजी और लॉजिक्स समूह के प्रमोटरों से लगभग 1,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वाणिज्यिक परियोजना ‘लॉजिक्स सिटी सेंटर’ का अधिग्रहण किया था।

भूटानी ग्रुप की वेबसाइट पर दिए गए लॉजिक्स बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के नतीजों के मुताबिक, कंपनी को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 29.39 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वहीं, इस दौरान कंपनी की ऑपरेशंस से आय 21.70 करोड़ रुपये की थी।

इस महीने की शुरुआत में भूटानी इन्फ्रा ने डब्ल्यूटीसी ग्रुप में हिस्सेदारी खरीदने की योजना से हाथ पीछे खींच लिया था। साथ ही कहा था कि डब्ल्यूटीसी के मौजूदा, आने वाले, पूरे हो चुके और भविष्य के प्रोजेक्ट्स में भूटानी ग्रुप की कोई भूमिका नहीं होगी। भूटानी ग्रुप ने जुलाई 2024 में डब्ल्यूटीसी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक एग्रीमेंट साइन किया था।

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