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कई पार्टियों और उनके बूथ लेवल एजेंटों ने समय पर मतदाता सूची की जांच नहीं कीः चुनाव आयोग

बिहार में मतदाता सूची की गड़बड़ियों को लेकर उठे राजनीतिक विवाद के बीच चुनाव आयोग (ECI) ने शनिवार को राजनीतिक दलों को कड़ी नसीहत दी। आयोग ने अपने बयान में कहा कि “कुछ राजनीतिक दल और उनके बूथ लेवल एजेंट (BLA) समय पर मतदाता सूची की जांच नहीं करते और बाद में पुरानी सूचियों की त्रुटियों पर सवाल उठाने लगते हैं। अगर यह आपत्तियां सही समय और सही प्रक्रिया से उठाई जातीं, तो संबंधित एसडीएम/इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) समय रहते सुधार कर सकते थे।”

चुनाव आयोग ने मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया को “बहु-स्तरीय और विकेंद्रीकृत” बताया, जिसमें ईआरओ और बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) शामिल होते हैं। आयोग हर साल ड्राफ्ट सूची की डिजिटल और फिजिकल कॉपी सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा करता है। इसे वेबसाइट पर भी अपलोड की जाती हैं, ताकि एक महीने के भीतर दावे और आपत्तियां दर्ज कराई जा सकें।

आयोग ने कहा कि अगर दल समय पर आपत्तियां दर्ज कराते, तो एसडीएम/ईआरओ वास्तविक गलतियों को चुनाव से पहले ही दुरुस्त कर सकते थे। आयोग ने राजनीतिक दलों और मतदाताओं से मतदाता सूचियों की जाँच में सहयोग करने का स्वागत भी किया, क्योंकि इससे सूचियों को शुद्ध करने में मदद मिलती है।

यह बयान उस समय आया है जब बिहार में मतदाता सूची की विसंगतियों को लेकर विपक्ष खासकर कांग्रेस आयोग पर हमलावर है। पिछले दिनों राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। वोट चोरी को लेकर वे अभियान भी चला रखे हैं। गौरतलब बात है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कल बिहार से अपनी यात्रा की शुरुआत भी करने जा रहे हैं, जिससे इस मुद्दे पर राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ने की उम्मीद है।

कांग्रेस के ‘AI वीडियो’ पर चुनाव आयोग का पलटवार

इस बीच चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर प्रसारित एक वीडियो को “नकली” करार देते हुए उस पर कड़ी आपत्ति जताई है। आयोग ने अपने फैक्ट-चेक नोट में कहा, “यह वीडियो AI-जनरेटेड है और वास्तविक नहीं है। यह बिहार के लोगों को गुमराह करने का एक स्पष्ट प्रयास है।”

कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि 17 अगस्त से हमारे साथ आना है, वोट चोरों को गद्दी से हटाना है। बिहार में वोटर अधिकार यात्रा। साथ ही कांग्रेस ने एक वीडियो भी शेयर किया। इस वीडियो में कहा गया है कि हम जिंदा हैं, तब भी उन्होंने हमें मार दिया, हमारा वोट चोरी कर लिया, हमारा अधिकार चोरी कर लिया।

वीडियो में आगे कहा गया है कि हमारा वोट चोरी हो गया, उन्होंने हमारा अधिकार चोरी कर लिया। मेरा एक कमरे का घर है, उन्होंने मेरे घर पर 80 फर्जी वोटर रजिस्टर कर दिए, उन्होंने हमारा अधिकार चोरी कर लिया। वीडियो में यह भी कहा गया है कि वोट चोरों को सबक सिखाना है, हमारे साथ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में आएं, वोट चोरों को गद्दी से हटाएं, और वोट चोर गद्दी छोड़ें।

इसपर आयोग ने जोर देकर कहा कि बिहार में मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया कानून के अनुसार और पूरी पारदर्शिता के साथ की जाती है। आयोग ने बताया कि इस प्रक्रिया में बिहार में 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किए गए 1.6 लाख से अधिक बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) भी शामिल होते हैं। आयोग ने कहा कि यह बहु-स्तरीय और पार्टी-समावेशी प्रक्रिया एकतरफा हेरफेर की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ती है और झूठे नैरेटिव चुनावी प्रणाली में जनता के विश्वास को कमजोर करते हैं।

 

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