Homeभारतसिखों पर चुटकुले वाली साइटों पर बैन की मांग, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे...

सिखों पर चुटकुले वाली साइटों पर बैन की मांग, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मामले की पूरी कहानी

नई दिल्लीः सिखों पर चुटकुला बनाने वाली साइटों पर बैन की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है। इन वेबसाइटों पर ऐसे आरोप हैं कि ये लोग सिख समुदाय के लोगों को गलत तरीके से पेश करते हुए चुटकुले बनाते हैं। इस मामले में की पिछली सुनवाई में न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और बीआर गवई की पीठ ने कहा था कि “यह एक महत्वपूर्ण मामला है।” इस मामले को लेकर हरविंदर चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

हरविंदर चौधरी ने अपनी याचिका में कहा कि इन वेबसाइटों द्वारा सिख महिलाओं की शिकायतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये वेबसाइट कथित तौर पर महिलाओं को लेकर उपहास करती हैं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने क्या कहा था? 

मामले में हुई पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुझाव दिया था कि “आप इसके लिए एक छोटा सा संकलन तैयार करें ताकि इसे पढ़ना आसान हो सके।”

इसके साथ ही स्कूलों में सिख बच्चों को भी परेशान किया जाता है। याचिकाकर्ता ने एक घटना का उल्लेख भी किया कि जिसमें स्कूल में बच्चों के साथ बदमाशी के कारण सिख लड़के ने आत्महत्या कर ली। याचिकाकर्ता ने आभासी दुनिया में बदमाशी (ऑनलाइन बुलिंग) का भी जिक्र किया। 

इस मामले की सुनवाई के लिए अक्टूबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह की और भी याचिकाएं दायर की गईं थीं। 

5000 वेबसाइटों पर प्रतिबंध की मांग 

याचिकाकर्ता ने करीब 5000 वेबसाइटों पर प्रतिबंध की मांग की थी। उनका कहना था इन वेबसाइट पर सिख समुदाय के सदस्यों को गलत तरीके से दिखाया जाता है जो कि सही नहीं है।  

यह आरोप लगाते हुए कि इन वेबसाइटों ने सिखों पर गलत चुटकुले प्रदर्शित किए हैं, जो उन्हें खराब तरीके से दिखाते हैं, याचिकाकर्ता ने ऐसी वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी और कहा था कि चुटकुले सम्मान के साथ जीने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करते हैं। 

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी शीर्ष अदालत से मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। प्रबंधक कमेटी का कहना था कि यह ‘नस्लीय अपमान’ है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version