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राजधानी की हवा हुई अति प्रदूषित, निजात के लिए दिल्ली सरकार कराएगी कृत्रिम बारिश!

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब स्थिति में पहुंच गया है। इससे लोगों को तमाम तरह की दिक्कतें और बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे तुरंत निजात के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर जरूरी उपाय करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।

दिवाली के पहले स्थितियां कुछ हद तक ठीक हो गई थीं, लेकिन त्योहार के बाद हालात फिर बिगड़ गए हैं। दिवाली पर पटाखे बजाए जाने, हवा में धूल और वाहनों के धुएं को इसके लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है।

आम तौर पर हर साल सर्दियों के मौसम में ठंडी हवा और खेतों में पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं की वजह से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ जाता है। फिलहाल दिल्ली सरकार ने केंद्र से वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए कृत्रिम बारिश की अनुमति मांगी है।

पर्यावरण मंत्री ने कृत्रिम बारिश कराने की बताई जरूरत

अंग्रेजी वेबसाइट द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के ऊपर पहुंच चुका है।

गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से अपील की है कि कृत्रिम बारिश कराने के लिए तुरंत बैठक बुलाएं और जल्द से जल्द इसका निर्णय लें। राय ने कहा कि अगले 10 दिन बेहद अहम हैं। कृत्रिम बारिश से प्रदूषण के स्तर में कुछ राहत मिल सकती है।

पिछले साल भी कृत्रिम बारिश का प्रयास किया गया था, जिसमें बादलों में नमक डालकर बारिश कराने की तकनीक का विचार था। हालांकि, खराब मौसम की स्थिति की वजह से उस समय यह योजना सफल नहीं हो पाई थी।

इस बार सरकार का मानना है कि अगर कृत्रिम बारिश की अनुमति मिलती है, तो बढ़ते प्रदूषण को रोकने में कुछ हद तक मदद मिल सकती है।

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प्रदूषण की वजह से सांस के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी

प्रदूषण के कारण दिल्ली और आसपास के अस्पतालों में सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा देखा गया है। निजी अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि दिवाली के बाद से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के मरीज 20-30 फीसदी तक बढ़े हैं।

गुरुग्राम जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में कुछ गंभीर मामलों में रोगियों को अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ा है।

स्विस संस्था ने दिल्ली को दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बताया

प्रदूषण का असर केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि जीवन प्रत्याशा पर भी पड़ सकता है। वेबसाइट के मुताबिक शिकागो विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार, दक्षिण एशिया में प्रदूषण के कारण जीवन प्रत्याशा में लगभग 5 साल की कमी आ सकती है।

मंगलवार को स्विस संस्था आईक्यू एयर (IQ Air) ने दिल्ली को लाहौर के बाद दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बताया। ऐसे में दिल्ली में कृत्रिम बारिश की मांग इस दिशा में एक कदम हो सकती है ताकि लोगों को राहत मिल सके और प्रदूषण का स्तर कम हो।

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