चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में राधाकृष्णन को पद की शपथ दिलाई।
तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे सीपी राधाकृष्णन आरएसएस के स्वयंसेवक के तौर पर सार्वजनिक जीवन में आए और 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने। 1996 में उन्हें भाजपा का राज्य सचिव बनाया गया और दो साल बाद, 1998 में वे पहली बार कोयंबटूर से लोकसभा पहुंचे।
1999 में वे दोबारा सांसद बने। 2004 से 2007 तक उन्होंने भाजपा तमिलनाडु इकाई की अध्यक्षता की। 2020 से 2022 के बीच वे केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे। 18 फरवरी 2023 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। 31 जुलाई 2024 को राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली थी।
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी रहे मौजूद
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और वेंकैया नायडू, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई अन्य उपस्थित थे।
एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। उन्हें विपक्ष के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के मुकाबले 452 वोट मिले थे। सुदर्शन रेड्डी को चुनाव में 300 वोट मिले थे।
नतीजों की घोषणा करते हुए राज्यसभा महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने बताया था कि 781 सांसदों में से 767 ने मतदान किया। ऐसे में 98.2 प्रतिशत मतदान हुआ। इनमें से 752 मत वैध और 15 अवैध रहे, जिससे प्रथम वरीयता के लिए आवश्यक बहुमत 377 रह गया था।
एनडीए उम्मीदवार को मिले उम्मीद से ज्यादा वोट
कागजों पर एनडीए को 427 सांसदों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन YSRCP के 11 सांसदों ने भी राधाकृष्णन का समर्थन किया। दिलचस्प बात यह रही कि एनडीए उम्मीदवार को उम्मीद से 14 वोट ज्यादा मिले, जिससे विपक्षी खेमे में क्रॉस-वोटिंग की अटकलें तेज हो गईं हैं।
परिणामों की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी और विश्वास व्यक्त किया कि नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति भारत के संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करेंगे और संसदीय संवाद में सकारात्मक योगदान देंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने X पर लिखा, ‘थिरु सीपी राधाकृष्णन जी को 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए बधाई। उनका जीवन हमेशा समाज की सेवा और गरीबों व हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा है। मुझे विश्वास है कि वे एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति होंगे, जो हमारे संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करेंगे और संसदीय संवाद को आगे बढ़ाएँगे।’
धनखड़ के इस्तीफे की वजह से बनी थी चुनाव की स्थिति
गौरतलब है कि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने अपने कार्यकाल की समाप्ति से लगभग दो साल पहले ही अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त, 2027 को समाप्त होना था। आधिकारिक तौर पर, उन्होंने अपने इस्तीफे के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, लेकिन सूत्रों और कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संभवतः उनके और केंद्र के बीच विश्वास टूटने से ऐसी परिस्थिति बनी।
भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य, मनोनीत सदस्य और लोकसभा के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड 2 के अनुसार उपराष्ट्रपति के निधन, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव ‘जल्द से जल्द’ कराया जाना चाहिए। नया निर्वाचित व्यक्ति ‘अपने पदभार ग्रहण करने की तिथि से पूरे पाँच वर्ष की अवधि तक’ पद धारण करने का हकदार होगा।