Thursday, October 9, 2025
Homeभारतअदानी समूह के मानहानि से जुड़े मामले में पत्रकार अभिसार शर्मा और...

अदानी समूह के मानहानि से जुड़े मामले में पत्रकार अभिसार शर्मा और ब्लॉगर राजू पारुलेकर को कोर्ट का नोटिस

अदानी समूह के वकील संजय ठक्कर ने बताया कि अगर अदालत शिकायत को स्वीकार कर लेती है, तो दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा, जिसमें दो साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।

अहमदाबाद: अदानी समूह की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के आरोप में गुजरात की एक अदालत ने पत्रकार अभिसार शर्मा और ब्लॉगर राजू पारुलेकर को नोटिस जारी किया है। इन पर जानबूझकर गलत और मानहानिकारक सामग्री फैलाने का आरोप है।

यह नोटिस गांधीनगर (अडालज पुलिस थाना) की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने जारी की है। अदानी समूह के वकील संजय ठक्कर ने ठक्कर ने कहा, ‘नोटिस मिलने के बाद दोनों को व्यक्तिगत रूप से या अपने वकील के माध्यम से अदालत में 20 सितंबर को पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा। अभिसार ने अपने यूट्यूब चैनल पर मानहानिकारक सामग्री अपलोड की थी, जबकि परुलेकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ऐसी टिप्पणियां की थीं।’

ठक्कर ने बताया कि अगर अदालत शिकायत को स्वीकार कर लेती है, तो दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा, जिसमें दो साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।

क्या है आरोप?

अदानी समूह के वकील के अनुसार, अभिसार शर्मा ने अपने यूट्यूब चैनल पर 18 अगस्त, 2025 को एक वीडियो अपलोड किया था। इस वीडियो में आरोप लगाया गया था कि असम में हजारों बीघा जमीन अदानी को आवंटित की गई है और कंपनी को राजनीतिक लाभ मिल रहा है। इसी तरह, राजू पारुलेकर ने जनवरी 2025 से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई ट्वीट और रीट्वीट किए, जिनमें जमीन हड़पने, घोटालों और अनुचित लाभ के आरोप लगाए गए थे।

अदानी समूह ने इन आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया है। कंपनी का कहना है कि गुवाहाटी हाई कोर्ट का 12 अगस्त, 2025 का जिस आदेश का हवाला दिया गया है, उसमें अदानी समूह का कोई जिक्र नहीं है। साथ ही, जिस महाबल सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का नाम उस केस में आया है, उसका अदानी समूह से कोई संबंध नहीं है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत नोटिस

वकील संजय ठक्कर ने बताया कि मजिस्ट्रेट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 223 के तहत ये नोटिस जारी किए हैं। इस धारा में कहा गया है कि आरोपी को सुने बिना मजिस्ट्रेट किसी अपराध का संज्ञान नहीं ले सकता।

अदालत को दिए गए सबूतों में अभिसार शर्मा का वीडियो और उसका ट्रांसक्रिप्ट, पारुलेकर के सोशल मीडिया पोस्ट और गुवाहाटी हाई कोर्ट का आदेश और अन्य संबंधित दस्तावेज शामिल हैं।

अगर अदालत को पर्याप्त आधार मिलते हैं, तो मामला पूर्ण मुकदमे में बदल जाएगा, जहां दोनों पत्रकारों को आपराधिक मानहानि कानूनों के तहत सजा का सामना करना पड़ सकता है। मामले में सुनवाई 20 सितंबर को होनी है, जहाँ दोनों को व्यक्तिगत रूप से या अपने वकीलों के माध्यम से अदालत में पेश होना होगा।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा