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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर टिप्पणी मामले में सोनिया-राहुल पर रांची के एससी-एसटी थाने में हुई FIR

रांचीः संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर रांची के एससी-एसटी थाने में लिखित शिकायत दी गई है। 

रांची की नामकुम की रहने वाली अंजली लकड़ा की ओर से दी गई इस शिकायत में कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों को अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) समुदाय का अपमान बताते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।

आवेदन में क्या कहा गया है?

पुलिस को दिए गए गए आवेदन में लिखा गया है कि 31 जनवरी 2025 को संसद में बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर “बोरिंग” (उबाऊ) शब्द का इस्तेमाल किया। इसी तरह सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को “पुअर लेडी”, असहाय, लाचार, गरीब महिला और थकी हुई महिला कहा।

आवेदन में कहा गया है कि देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक और तीनों सेनाओं की अध्यक्ष हैं। अनुसूचित जनजाति समुदाय से आने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सोची-समझी साजिश के तहत, योजनाबद्ध तरीके से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

इस मामले में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम 1989 के अंतर्गत उचित कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है।

एफआईआर के लिए आवेदन देने वाली अंजली लकड़ा जनजाति सुरक्षा मंच नामक संगठन की महिला प्रमुख हैं। इस शिकायत के साथ थाने में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में आदिवासी समाज के रवि मुंडा, संदीप उरांव, मोनू लकड़ा, आशीष लिंडा, कृष्ण मुंडा, अशोक खलखो, रवि लकड़ा, रोशन मुंडा, प्रदीप लकड़ा, सतीश तिग्गा, दिगंबर बेदिया, जुगल किशोर बेदिया, हिंदवा उरांव, बंधना मुंडा एवं सोमा उरांव शामिल थे।

अंजली लकड़ा ने बताया कि पुलिस की ओर से जांच के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिया गया है।

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

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