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32 साल से पर्यावरण की सेवा में लगे चैतराम पवार ने पद्म श्री मिलने पर क्या कहा?

धुलेः गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई। महाराष्ट्र की तीन हस्तियों को पद्म श्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई। इनमें एक नाम चैतराम पवार का है, जिन्हें पर्यावरण के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए काम के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पद्म श्री सम्मान मिलने के ऐलान के बाद पवार का धुले जिले के बारीपाड़ा गांव में भव्य स्वागत किया गया।

32 साल से पर्यावरण की सेवा में लगे हैं चैतराम पवार

चैतराम पवार ने पद्म श्री सम्मान मिलने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने अपने काम के बारे में बात करते हुए बताया कि साल 1991 में हम लोगों ने बारीपाड़ा विषय में काम शुरू किया था। उस दौरान हमें पता चला कि यहां वन संवर्धन, जल संवर्धन और भू संवर्धन पर अगर सही ढंग से काम करते हैं तो आगे जाकर हमारी बहुत सारी आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इसलिए हमने स्थानीय संसाधनों को विकसित करने और गांव के लोगों को जगाने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि हमें पर्यावरण के क्षेत्र में काम करते हुए 32 साल हो गए हैं। हमें पहला आदिवासी अस्मिता जागरण पुरस्कार साल 2000 में मिला था। इसके बाद हमने अपने काम को और अच्छे तरीके से करना जारी रखा। इस दौरान कई अलग-अलग संस्थाओं को जोड़ा। इसके बाद हमारा ग्रुप काफी बड़ा हुआ और उसके माध्यम से अलग-अलग स्टेट में अभियान को चलाया गया।

पद्म पुरस्कार मिलने पर जताई खुशी

चैतराम पवार ने बताया कि जब पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई तो हमें काफी खुशी हुई। मैं अपना पुरस्कारों उन लोगों को समर्पित करता हूं, जो पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं।

बता दें कि चैतराम पवार ने 1990 के दशक में संयुक्त वन प्रबंधन को प्रभावी रूप से लागू किया था, जिससे महाराष्ट्र और गुजरात के कई गांवों का जीवनस्तर सुधरा है। उनके कार्यों से पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिला। इससे पहले उन्हें महाराष्ट्र सरकार द्वारा “महाराष्ट्र वनभूषण” पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है

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