Homeभारतबसपा सुप्रीमो मायावती ने खाली किया दिल्ली आवास, सिर्फ एक साल रहीं;...

बसपा सुप्रीमो मायावती ने खाली किया दिल्ली आवास, सिर्फ एक साल रहीं; सुरक्षा का दिया हवाला

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित अपने सरकारी बंगले (टाइप 7, 35 लोधी एस्टेट) को खाली कर दिया है।  यह बंगला उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर आवंटित किया गया था।  बताया जा रहा है कि सुरक्षा कारणों से बंगला खाली किया गया है।  

बसपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कहा कि मायावती का यह फैसला “सुरक्षा कारणों” से लिया गया है। उन्होंने बताया कि उसी सड़क पर आवास से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर एक स्कूल है। स्कूल वैन अक्सर 35, लोधी एस्टेट के सामने सड़क पर खड़ी रहती हैं, जो माता-पिता अपने बच्चों को छोड़ने और लेने आते हैं, वे भी उसी सड़क पर गाड़ियां खड़ी करते हैं। चूंकि, बहनजी की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों की गाड़ियां भी उसी इलाके में खड़ी होती हैं, इसलिए उन्हें और स्कूली बच्चों दोनों को असुविधा होती है।

यहां बन सकता है नया ठिकाना

द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, 35, लोधी एस्टेट, BSP प्रमुख के लिए एकदम सही जगह थी, क्योंकि उन्हें Z-प्लस सुरक्षा मिली हुई थी। यह बंगला पार्टी के केंद्रीय कार्यालय, 29, लोधी एस्टेट के ठीक पीछे वाली लेन में स्थित था। पार्टी कार्यालय का पिछला गेट 35, लोधी एस्टेट की ओर खुलता था। पिछले साल दोनों बंगलों का एक जैसा नवीनीकरण किया गया था। मायावती के घर बदलने के फैसले पर BSP के वरिष्ठ पदाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

हालांकि, बसपा ने साफ किया है कि यह कदम सुरक्षा से जुड़े कारणों के चलते लिया गया है, लेकिन दूसरी तरफ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला पार्टी की मौजूदा स्थिति और भविष्य की रणनीति से भी जोड़ा जा सकता है।  मायावती ने हाल ही में अपने भतीजे आकाश आनंद पहले पार्टी से निकाला था फिर वापस लेते हुए बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी। 

कांग्रेस नेता कर रहे बसपा से गठबंधन की बात

हाल ही में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता और गांधी परिवार के करीबी इमरान मसूद ने बसपा प्रमुख को कांग्रेस के साथ आने का न्योता दिया था।  वैसे मायावती ने साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगीं।  मगर जिस तरह से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन में तकरार बढ़ रही है, उससे यूपी में नए सियासी गठबंधन की चर्चाएं तेज हो गई हैं। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version