Friday, October 10, 2025
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बॉम्बे हाईकोर्ट से कुणाल कामरा को बड़ी राहत, अंतिम आदेश तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई

मुंबईः बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कॉमेडियन कुणाल कामरा को ‘गद्दार’ टिप्पणी मामले में बड़ी राहत दी। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि जब तक अंतिम आदेश नहीं आ जाता, तब तक कामरा को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।

कोर्ट ने कहा, “आरोपी के बयान दर्ज करने के लिए बीएनएसएस की धारा 35(3) के तहत नोटिस जारी किया गया है, जहां गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं होती। इस पृष्ठभूमि में, खार पुलिस थाने में दर्ज सीआर नंबर 194/2025 मामले में कामरा की गिरफ्तारी का सवाल ही नहीं उठता।”

कामरा और सरकारी वकील की तरफ से क्या दलीलें दी गईं?

कामरा की ओर से पेश वकीलों ने दलील दी कि यह मामला अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा है, और उनका स्टैंड-अप एक्ट कोई आपराधिक कृत्य नहीं बल्कि व्यंग्यात्मक अभिव्यक्ति था। उन्होंने कहा कि “पूरे मामले में केवल हास्य और आलोचना के माध्यम से राजनीतिक टिप्पणी की गई है, लेकिन इसका इस्तेमाल उन्हें डराने और सरकारी तंत्र के जरिए दबाने की कोशिश के रूप में किया जा रहा है।”

दूसरी ओर, राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि “कुणाल कामरा एक शिक्षित व्यक्ति हैं, जिनके लाखों फॉलोअर्स हैं। ऐसे में उनका मंच से किसी जनप्रतिनिधि को ‘देशद्रोही’ कहना सिर्फ कॉमेडी नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया राजनीतिक हमला है।”

इससे पहले, कुणाल कामरा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और शिवसेना विधायक मुरजी पटेल को नोटिस जारी किया था। कामरा ने इस याचिका के जरिए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती दी थी, जिसमें उन पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को स्टैंड-अप एक्ट के दौरान ‘गद्दार’ कहे जाने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने कामरा को 16 अप्रैल तक अंतरिम संरक्षण भी प्रदान किया था।

शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने दर्ज कराई है शिकायत

यह एफआईआर शुरुआत में विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर ‘पब्लिक मिसचीफ’ और ‘मानहानि’ के आरोपों के तहत दर्ज की गई थी, जिसे बाद में खार पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया।

हालांकि, कामरा ने अपने व्यंग्यात्मक कार्यक्रम में एकनाथ शिंदे का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया था, लेकिन शिवसेना कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उन्होंने शिंदे को अप्रत्यक्ष रूप से ‘गद्दार’ कहा, जो पार्टी के विभाजन की ओर इशारा करता है।

इस विवाद के बाद मुंबई के हैबिटैट स्टूडियो में तोड़फोड़ की गई, जहां कामरा ने परफॉर्म किया था। इस घटना में शामिल 12 शिवसेना कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई। कामरा ने इस पूरे विवाद के बाद खुद को मिल रही जान से मारने की धमकियों की भी शिकायत दर्ज कराई है।

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