Homeविश्वअगरतला मामले में बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त तलब, त्रिपुरा वीजा कार्यालय अगली...

अगरतला मामले में बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त तलब, त्रिपुरा वीजा कार्यालय अगली नोटिस तक बंद

ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने मंगलवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। यह कूटनीतिक कदम अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद से दोनों देशों के बीच बढ़ रहे तनाव के बाद देखने को मिला।

पिछले महीने देशद्रोह के आरोप में हिंदू पुजारी चिन्मय दास की गिरफ्तारी हुई थी जिसके बाद से वहां पर हालात और भी खराब हो गए हैं।

बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने पुष्टि की है कि वर्मा को तलब किया गया। बांग्लादेश की समाचार एजेंसी बांग्लादेश संगबाद संगठन (बीएसएस) ने बताया कि वे मंगलवार दोपहर को मंत्रालय पहुंचे थे।

कार्यवाहक विदेश सचिव रेयाज हमीदुल्लाह ने भारतीय दूत के साथ चर्चा का नेतृत्व किया। इस चर्चा का मुख्य मुद्दा त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेश के वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा में हुई चूक और एक अनियंत्रित भीड़ के घुसने की घटना थी।

बांग्लादेशी मीडिया द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुलाकात के बाद प्रणय वर्मा ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच “व्यापक और बहुआयामी संबंध” हैं जिसे “सिर्फ एक मुद्दे तक सीमित नहीं किया जा सकता।”

बता दें कि अगरतला में एक भीड़ द्वारा सुरक्षा घेरा तोड़कर सहायक उच्चायोग में घुसने के एक दिन बाद, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने प्रणय वर्मा को तलब किया है।

वाणिज्य दूतावास पर भीड़ के हमले पर बांग्लादेश ने क्या कहा

मंगलवार को बांग्लादेश के विधि मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने घटना को भारत सरकार की एक “विफलता” करार दिया था। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “भारत को यह समझना चाहिए कि यह शेख हसीना का बांग्लादेश नहीं है।”

वाणिज्य दूतावास की घटना के बाद, त्रिपुरा पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया, और लापरवाही के बरतने के कारण तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया, जबकि चौथे अधिकारी को पुलिस मुख्यालय भेजा गया। इन घटनाओं के कारण, बांग्लादेश वाणिज्य दूतावास ने अगली सूचना तक अपना परिचालन निलंबित कर दिया है।

ये भी पढ़ें: FSSAI ने बोतल बंद पानी को ‘उच्च जोखिम’ श्रेणी में रखा, गुणवत्ता पर उठे सवाल

चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद हालात और बिगड़े

यह विवाद चिन्मय दास की गिरफ्तारी से शुरू हुआ है जिन पर चटगांव में एक रैली के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर एक धार्मिक ध्वज फहराकर बांग्लादेश के ध्वज नियमों का उल्लंघन करने का आरोप था।

दास की गिरफ्तारी के बाद काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे और पुलिस के साथ उनके समर्थकों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी जिसमें एक वकील की मौत भी हुई है।

मंगलवार को दास ने कोर्ट से जमानत के लिए अर्जी की थी लेकिन सुनवाई स्थगित कर दी गई क्योंकि उनके वकील रामेन रॉय पर उनके घर पर हमला किया गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं।

मामले में अगली सुनवाई दो जनवरी, 2025 को होनी है। इस बीच, इस्कॉन कोलकाता ने बांग्लादेश सरकार से रॉय पर हमले के बाद दास की कानूनी टीम की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version