Assam Earthquake: असम में रविवार, 14 सितंबर को शाम भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गई।
राजधानी गुवाहाटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। ये झटके इतने तेज थे कि लोग घरों से बाहर निकलने को मजबूर हुए और तनाव में आ गए।
हिंदुस्तान टाइम्स ने गुवाहाटी के एक निवासी के हवाले से लिखा “यह ऐसा महसूस हुआ जैसे यह कभी नहीं रुकेगा।”
असम के निवासियों ने भूकंप के बारे में क्या बताया?
वहीं, एक अन्य निवासी ने बताया “एक मिनट के लिए मुझे लगा, मैं मर गया। मुझे सचमुच लग रहा था कि छत मुझ पर गिर जाएगी।”
भूकंप के बारे में असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा “असम में बड़ा भूकंप। सभी की सुरक्षा और कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना करता हूं। “
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता 5.8 मैग्नीट्यूड थी।
असम में अक्सर भूकंप आते रहते हैं क्योंकि यह भारत के सबसे अधिक सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। एनसीएस के मुताबिक, यह क्षेत्र सबसे अधिक सक्रिय क्षेत्र में आता है। यह क्षेत्र टकराव संबंधी विवर्तनिकी के साथ जोखिम क्षेत्र V से जुड़ा है। इस क्षेत्र में भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे धंस जाती हैं।
असम है भूकंप प्रभावित क्षेत्र
इस क्षेत्र में कई भीषण भूकंप के झटके आ चुके हैं। साल 1950 में असम-तिब्बत भूकंप की तीव्रता 8.6 मैग्नीट्यूड थी। वहीं, 1987 में शिलांग में आए भूकंप की तीव्रता 8.1 थी।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र असम के उदलगुड़ी जिले में था। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से लिखा कि घटना में किसी भी तरह की जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है।
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NCS के मुताबिक, भूकंप के झटके रविवार शाम करीब 4 बजकर 41 मिनट पर महसूस किए गए। इस भूकंप की गहराई करीब 5 किलोमीटर थी।
असम के निवासियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भूकंप के झटकों के बारे में विचार साझा किए हैं। कई यूजर्स ने बताया कि भूकंप के झटके काफी तेज थे। असम के साथ-साथ भूटान और उत्तरी बंगाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
अफगानिस्तान में आया भीषण भूकंप
अफगानिस्तान में 1 सितंबर को भीषण भूकंप आया था, जिसमें करीब 600 से अधिक लोग मारे गए। अफगानिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता 6.0 मैग्नीट्यूड थी। इस घटना में अफगानिस्तान के लाखों लोग प्रभावित हुए थे। भूकंप के झटके
इतने तेज थे कि काबुल के अलावा पाकिस्तान तक भी झटके महसूस हुए।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने इन भूकंप के बारे में बताया था कि इसमें करीब 800 लोग मारे गए हैं और 2,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यूएसजीएस के मुताबिक, इसकी तीव्रता 6.0 मैग्नीट्यूड और केंद्र जलालाबाद था। इसकी गहराई करीब 8 किलोमीटर नीचे थी।
साल 2024 में भी अफगानिस्तान में भीषण भूकंप आया था जिसमें करीब 1 हजार लोग मारे गए थे और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। अफगानिस्तान में आए भूकंप के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।