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वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी, पहले संसद में फाड़ी थी कॉपी

नई दिल्ली: संसद से पारित हुए वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के खिलाफ एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने अपनी याचिका में विधेयक की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। संसद में भी ओवैसी ने वक्फ बिल का विरोध किया था और प्रतीकात्मक तौर पर इसकी एक कॉपी भी फाड़ दी थी। ओवैसी की याचिका अधिवक्ता लजफीर अहमद ने दायर की है।

कांग्रेस भी पहुंची सुप्रीम कोर्ट

इससे पहले कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और दावा किया कि यह संवैधानिक प्रविधानों का उल्लंघन करता है। वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिल के खिलाफ याचिका दाखिल की है। मोहम्मद जावेद की याचिका में कहा गया है कि विधेयक वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन पर मनमाने प्रतिबंध लगाता है, जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता कमजोर होती है। इस याचिका को अधिवक्ता अनस तनवीर के माध्यम से दायर किया गया है।

बता दें कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर हमला बोला और संशोधन के विरोध में विधेयक की प्रति को फाड़ दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ विधेयक के माध्यम से मुसलमानों के साथ अन्याय किया जाएगा। उन्होंने बिल का विरोध करते हुए कहा कि देश में मुस्लिमों के साथ अन्याय हो रहा है और ये अनुच्छेद 25, 26 का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि मस्जिदों और मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। लोकसभा में उन्होंने बिल की कॉपी को फाड़ने की बात कही। 

‘मैं गांधीजी की तरह यह बिल फाड़ता हूं’

ओवैसी ने कहा, “गांधीजी के सामने जब एक ऐसा कानून लाया गया, जो उनको कबूल नहीं था तो उन्होंने कहा मैं उसे कानून को मानता नहीं हूं, उसको फाड़ता हूं तो मैं भी गांधी जी की तरह इस कानून को फाड़ता हूं, इसके बाद दो पन्नों के बीच जिसमें स्टेपर लगा हुआ था वह अलग-अलग कर दिए।” असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “देश में प्राचीन मंदिरों की हिफाजत होगी, लेकिन प्राचीन मस्जिदों की नहीं होगी। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2013 का कानून नहीं बनता तो हम इसे नहीं लेकर आते। मैं उनसे पूछना चाह रहा हूं कि क्या उस वक्त राजनाथ सिंह, लालाकृष्ण आडवाणी जैसे बड़े-बड़े नेता यहां बैठे थे। आपने उस कानून को पास करा दिया, तो उस समय वो गलत थे या आप गलत थे, ये बता दीजिए। बीजेपी इस देश में मंदिर-मस्जिद के नाम पर झगड़ा करना चाहती है।”

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