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Apple ने पेगासस स्पाइवेयर के खिलाफ केस वापस लेने का फैसला क्यों किया है?

न्यूयॉर्क: दिग्गज टेक कंपनी एप्पल (Apple) ने कुख्यात पेगासस स्पाइवेयर बनाने वाली इजराइल की कंपनी एनएसओ ग्रुप (NSP Group) के खिलाफ अपने तीन साल पुराने केस को खारिज करने का अनुरोध कोर्ट से किया है। 2021 के आखिर में अमेरिका की एक कोर्ट में दायर इस मुकदमे का उद्देश्य पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और अन्य व्यक्तियों को टार्गेट करने के लिए स्पाइवेयर के कथित दुरुपयोग के लिए एनएसओ को जवाबदेह ठहराना था।

द वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार हालांकि अब एप्पल (Apple) का केस वापस लेने का फैसला कानूनी लड़ाई जारी रखने से जुड़े संभावित खतरों से जुड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार लंबी कानूनी कार्यवाही के तहत संवेदनशील जानकारियों का खुलासा हो सकता है। एप्पल को आशंका है कि ऐसी जानकारी एनएसओ और इसी की तरह अन्य ग्रुप के लिए मददगार साबित हो सकती है।

हाल ही में कोर्ट में एक फाइलिंग में कंपनी ने बताया, ‘Apple जानता है और इसकी सराहना करता है कि यह अदालत इस मामले से संबंधित संवेदनशील जानकारी के साथ अत्यधिक सावधानी बरतेगी। लेकिन कंपनी यह भी जानती है अब पहले से कहीं अधिक स्पाइवेयर कंपनियां, जिनमें वे कंपनियां भी शामिल हैं जो इस कोर्ट के समक्ष नहीं हैं, इस जानकारी को प्राप्त करने के लिए किसी भी माध्यम का उपयोग कर सकती हैं।’

पेगासस स्पाइवेयर के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारी उजागर होने के बाद से ही इसे लेकर विवाद चल रहा है। स्मार्टफोन में घुसपैठ करने और यूजर्स की जानकारी के बिना उनके डेटा निकालने के लिए डिजाइन किए गए पेगासस को लेकर गैरकानूनी निगरानी और मानवाधिकारों के दुरुपयोग के कई मामले जुड़े हैं। भारत में भी पेगासस स्पाइवेयर एक बड़ा मुद्दा बना था जब कुछ साल पहले विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ सरकार ने राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों पर इसका इस्तेमाल किया है।

इस साल की शुरुआत में, एनएसओ ग्रुप ने अदालत से मामले को अपने देश इज़राइल में स्थानांतरित करने या मामले को खारिज करने का आग्रह किया था। हालांकि, अमेरिकी जिला न्यायालय ने इस कदम को खारिज कर दिया और केस को बर्खास्त करने से भी इनकार किया। बहरहाल, ताजा अपडेट पर न तो आईफोन बनाने वाली कंपनी Apple और न ही NSO ग्रुप ने कोई आधिकारिक टिप्पणी की है।

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