Homeभारतऑपरेशन सिंदूर: TMC ने सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने से इनकार...

ऑपरेशन सिंदूर: TMC ने सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने से इनकार किया, यूसुफ पठान हुए बाहर

नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद और पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान केंद्र सरकार द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)’ के बारे में दुनिया को बताने वाले प्रतिनिधिमंडल कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। केंद्र सरकार द्वारा इस कार्यक्रम को करने का उद्देश्य दुनियाभर को यह बताना है कि पाकिस्तान कैसे आतंक और आतंकवादियों को पनाह दे रहा है। 

इसके लिए भारत सरकार ने सात अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं जिनमें से एक में यूसुफ पठान भी शामिल थे। ॉ

TMC ने क्या कहा?

इस मामले में तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि उनकी पार्टी की सलाह के बगैर यूसुफ पठान का नाम लिया गया था। 

इस बारे में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा “केंद्र सरकार तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि पर कैसे फैसला ले सकती है? उन्हें विपक्ष के साथ बैठक करनी चाहिए थी कि कोई पार्टी कौन सा प्रतिनिधि भेजेगी? भाजपा कैसे तय कर सकती है कि तृणमूल कौन सा प्रतिनिधि भेजेगी?”

केंद्र सरकार द्वारा बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन आतंकवाद के विरुद्ध भारत की जीरो टॉलरेंस नीति के बारे में बताने के लिए किया गया है। इन प्रतिनिधिमंडलों की अध्यक्षता एक सांसद कर रहा है। यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया में भारत के ऑपरेशन सिंदूर और वैश्विक स्तर पर भ्रामक सूचनाओं की पोल खोलेगा।

नहीं शामिल होगा पार्टी का कोई सांसद

हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि यूसुफ पठान के अलावा पार्टी का और कोई सांसद भी इन बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में हिस्सा नहीं लेगा। केंद्र सरकार ने इस अंतर्राष्ट्रीय पहल का उद्देश्य “एक मिशन, एक संदेश, एक भारत” दिया है। यह अभियान दुनिया भर में भारत को ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में भारत की स्थिति को दर्शाने के लिए चलाया जा रहा है।

यह भी पढ़ें- यूट्यूबर प्रियंका सेनापति कौन हैं?

गौरतलब है कि भारत द्वार छह और सात मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लांच किया था। इसमें नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था जिसमें 100 आतंकी मारे गए थे। भारत ने इस ऑपरेशन को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया था। 

पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंट फ्रंट नामक संगठन ने ली थी जो संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच सीमा पर सैन्य संघर्ष देखने को मिला जो कि 10 मई को संघर्षविराम समझौते के बाद कम हुआ है। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version