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यमनः जेल में बंद नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टली, ग्रैंड मुफ्ती अबूबकर मुस्लियार ने किया था हस्तक्षेप

सनाः यमन की जेल में बंद  निमिषा प्रिया की फांसी पर फिलहाल रोक लग गई है। निमिषा को अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी और 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी। उनकी फांसी को टालने के लिए भारत के ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम एपी अबूबकर मुस्लियार ने 14 जुलाई, सोमवार को यमन के शेखों से बात की थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बीबीसी हिंदी ने इसकी जानकारी दी। भारत सरकार हाल के दिनों में निमिषा की फांसी को टालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार कोशिश कर रही है कि निमिषा के परिवार और दूसरे पक्ष से बातचीत से कुछ हल निकल सके। 

सना की जेल में बंद हैं निमिषा

निमिषा यमन की राजधानी सना की जेल में बंद हैं। मामले की संवेदशीलता के बावजूद भारतीय अधिकारी लगातार जेल की स्थानीय अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं।

इससे पहले खबर आई थी कि केरल की रहने वाली नर्स की फांसी को रोकने के लिए प्रयास जारी हैं। इसके लिए सुन्नी नेता एपी अबूबकर मुस्लियार ने महदी के परिवार से बात की थी। उन्होंने बातचीत के दौरान महदी के परिवार से निमिषा को क्षमा करने की मांग की थी और इसके बदले ब्लड मनी स्वीकार करने की बात की थी। निमिषा के परिवार और करीबियों ने महदी के परिवार को 10 लाख डॉलर ब्लड मनी के रूप में देने की बात कही है। 

एपी अबूबकर मुस्लियार ने की बैठक

उन्होंने यमन के धार्मिक अधिकारियों के साथ बातचीत की और इसके बाद आज धमार में एक बैठक हुई थी। यह बैठक प्रमुख विद्वान और सूफी नेता शेख हबीब उमर बिन हाफिज के नेतृत्व में आयोजित की गई। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उमर बिन हाफिज के प्रतिनिधियों ने मेहदी के परिवार के साथ बैठक में भाग लिया।

एपी अबुबकर के कार्यालय ने कहा कि पीड़ित के एक करीबी जो कि होदेइदाह स्टेट कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं, वह इस बैठक में आए थे। वह यमनी शूरा परिषद के भी अध्यक्ष हैं। 

यमन में निमिषा के मामले में पॉवर ऑफ अटॉर्नी सैमुएल जेरोम ने इससे पहले कहा था कि सब कुछ सकारात्मक दिशा में जा रहा है और आज (मंगलवार) शाम तक अच्छी खबर मिल सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि फांसी की सजा रद्द होन की खबर नहीं होगी बल्कि फांसी टाली जा सकती है। 

उन्होंने यह भी कहा था महदी के परिवार ने अभी निमिषा को माफी नहीं दी है। उन्होंने कहा था कि फांसी टालने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है ताकि हम परिवार के साथ बातचीत कर सकें।

बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप

ज्ञात हो कि निमिषा साल 2008 में केरल से यमन में बतौर नर्स काम करने के लिए गईं थीं। उन्हें अपने पूर्व बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में जेल में सजा काट रही हैं। 

निमिषा पर आरोप है कि उन्होंने महदी को बेहोशी की दवा खिलाकर मार डाला और फिर शव के टुकड़े कर डाले। 2017 में महदी का शव पानी की टंकी के पास से बरामद हुआ था। 

निमिषा ने हालांकि अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार किया है। कोर्ट में पेश हुए निमिषा के वकील ने कहा था कि महदी ने निमिषा की शारीरिक प्रताड़नाएं दीं और उनका पैसा छीनने का भी आरोप लगाया। इसके साथ ही उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया। 

बीबीसी की खबर के मुताबिक, निमिषा के वकील ने यह भी दावा किया था कि वह उसे बेहोशी की दवा देकर अपना पासपोर्ट वापस हासिल करना चाहती थी लेकिन दवा की मात्रा ज्यादा हो गई थी। 

निमिषा को साल 2020 में स्थानीय अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी। इसके खिलाफ निमिषा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था हालांकि 2023 में उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

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