नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से करीब 18,000 लोग प्रभावित हुए हैं। दिल्ली सरकार ने इन प्रभावित लोगों के लिए 35 राहत कैंप तैयार किए हैं। अकेले पूर्वी जिले में ही नावों के जरिए 5,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाया गया है।
सबसे प्रभावित जिला पूर्वी दिल्ली है जहां 7200 लोग प्रभावित हैं। यहां 7 राहत शिविर तैयार किया गया है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में 5 हजार से अधिक लोक प्रभावित हैं। यहां 13 राहत शिविर तैयार किया गया है। इसी तरह दक्षिण-पूर्वी दिल्ली, शाहदरा और उत्तरी दिल्ली में क्रमशः 4,200 लोग, 30 लोग और 1350 लोग प्रभावित हैं।
सभी प्रभावित जिलों में टेंट और राहत कैंप लगाए गए हैं, जहाँ दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी और डीयूएसआईबी के सहयोग से भोजन, पीने का साफ पानी और शौचालयों जैसी बुनियादी सुविधाएँ सुनिश्चित की गई हैं। नागरिकों के साथ-साथ उनके मवेशियों को भी सुरक्षित जगहों पर पहुँचाने के लिए विशेष टीमें काम कर रही हैं।
सरकार की राहत व्यवस्था के तहत, एनडीआरएफ की टीमों को निचले इलाकों से लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांत रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार, प्रशासन, एनडीआरएफ और सामाजिक संगठन मिलकर इस चुनौती से निपट रहे हैं और जल्द ही स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में लाया जाएगा।
दिल्ली सरकार का सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग लगातार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के संपर्क में है, ताकि ओखला बैराज से पानी की निकासी पर नजर रखी जा सके।
यमुना का जलस्तर घटा, फिर भी खतरा बरकरार
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 4 सितंबर को हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से दिल्ली की तरफ लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। हालांकि अब इसका प्रवाह कम हो गया है। शुक्रवार शाम 4 बजे बैराज से 58,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं, दिल्ली के पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 207.18 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर और निकासी का स्तर 206 मीटर है। अधिकारी ने बताया कि लगातार निगरानी रखी जा रही है और उम्मीद है कि शाम तक जलस्तर और कम होगा।
दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर चल रही खबरों पर पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि सिविल लाइंस इलाके में यमुना का पानी नहीं घुसा है, बल्कि यह भारी बारिश के कारण हुआ जलजमाव है। वर्मा ने बताया कि यमुना का पानी सड़कों पर न आए, इसके लिए नालों के ‘बेल माउथ’ (मुहाने) बंद कर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि सिविल लाइंस और यमुना के बीच की सड़क पर पानी जमा हो गया है, जिसे पंप से निकाला जा रहा है।
प्रवेश वर्मा ने जोर देकर कहा कि 2023 की तरह इस बार यमुना का पानी न तो सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा और न ही यातायात प्रभावित हुआ। उन्होंने बताया कि मॉनेस्ट्री मार्केट और यमुना बाज़ार जैसे इलाके सीधे तौर पर बाढ़ के मैदानों में हैं, जहाँ अनधिकृत निर्माण है।
ट्रैफिक जाम और डायवर्जन
यमुना के बढ़े जलस्तर और बंद सीवर लाइनों के कारण निगम बोध घाट पर जलजमाव हो गया है, जिससे चांदगी राम अखाड़ा से हनुमान मंदिर तक आउटर रिंग रोड पर यातायात बाधित हुआ है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यातायात को सुचारू रखने के लिए कई जगहों पर मार्ग बदल दिए हैं।
पुलिस ने वाहन चालकों को सलाह दी है कि वे प्रभावित इलाकों से बचें और वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करें। साथ ही, सड़कों के किनारे गाड़ियाँ पार्क न करने की अपील भी की गई है।