Friday, October 10, 2025
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भारत-चीन के रिश्तों पर शी जिनपिंग के द्रौपदी मुर्मू को ‘ड्रैगन-हाथी टैंगो’ संदेश के क्या हैं मायने?

बीजिंगः चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भारत-चीन के रिश्तों पर कहा कि दोनों देशों को अधिक निकट आकर काम करना चाहिए। दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुखों ने कूटनीतिक रिश्तों के 75 साल पूरे होने पर बधाई दी। 

अपने संदेश में शी जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन के रिश्तों को “ड्रैगन-हाथी टैंगों” का रूप लेना चाहिए। यह दोनों देशों के प्रतीकात्मक जानवरों के बीच नृत्य है। 

एलएसी पर तनाव कम करना

भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने को लेकर काम कर रहे हैं। लद्दाख की गलवान घाटी में साल 2020 में सैन्य संघर्ष हुआ था।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शी ने कहा कि पड़ोसी देश को शांतिपूर्ण ढंग से रहने के तरीके ढूंढ़ने चाहिए। जिनपिंग ने कहा कि वह प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मामलों में संचार और समन्वय को बढ़ाने के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति की रक्षा के लिए तैयार हैं।

इस बाबत चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जिआकुन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में सवाल का उत्तर देते हुए कहा “आज भारत और चीन के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है।”

उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग और द्रौपदी मुर्मू के अलावा चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग और पीएम मोदी ने भी बधाई संदेश साझा किया। गुओ ने आगे कहा कि दोनों ही देश पुरानी सभ्यताएं हैं। उन्होंने कहा कि दोनों बड़े विकासशील देश हैं और वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। इसके अलावा दोनों आधुनिकीकरण के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं।

ब्रिक्स शिखर वार्ता के दौरान मोदी-जिनपिंग की मुलाकात

बीते साल रूस के कजान में आयोजित हुए द्विपक्षीय बैठक में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन को लेकर बात की थी।

दोनों ही देशों के नेता एक-दूसरे के प्रति पारस्परिक सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। 

गुओ ने आगे कहा कि दोनों ही देशों के नेताओं को संचार बढ़ाने और बड़े अंतर्राष्ट्रीय मामलों में सहयोग करना चाहिए। इसके साथ ही सीमा सुरक्षा के साथ-साथ भारत और चीन के रिश्तों को मजबूत बनाने के प्रयास करने चाहिए।

इसी साल 25 मार्च को भारत और चीन के बीच रिश्तों में सुधार को लेकर कूटनीतिक वार्ता के एक नए दौर की शुरुआत की। 

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