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महाराष्ट्र में महायुति में कलह! देवेंद्र फड़नवीस ने मंत्रियों के 6 स्टाफ को जारी किया नोटिस, क्या है विवाद?

मुंबई: महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व में चल रही महायुति गठबंधन की सरकार में विवाद और असंतोष फिर सतह पर नजर आने लगा है। मुख्यमंत्री फड़नवीस ने अपनी ही सरकार के कई मंत्रियों द्वारा नियुक्त किए गए निजी सचिवों (PS) और विशेष कार्य अधिकारियों (OSD) के मसले पर सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने मंत्रियों के 6 अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। मंत्रियों द्वारा कथित तौर पर अनधिकृत तरीके से नियुक्त किए गए PS और OSD को लेकर विवाद है।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद कुछ निजी सचिव और OSD अपने पसंदीदा मंत्रियों के साथ बने हुए रहे हैं जिसके चलते फड़नवीस ने छह स्टाफ को अनुशासनात्मक नोटिस जारी किया है। 

शिवसेना और एनसीपी के मंत्रियों के हैं ये स्टाफ

यह विवाद मुख्य तौर पर शिवसेना के मंत्री संजय राठौड़, शंभूराज देसाई, भरत गोगावाले और गुलाबराव पाटिल के साथ-साथ एनसीपी नेता दत्तात्रेय भरणे और छगन भुजबल के स्टाफ को लेकर है। अनियमितताओं के आरोपों के बाद इन मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्तियों को पहले ही रोक दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि इनमें से कई स्टाफ कुछ वर्षों से इन मंत्रियों के साथ कार्यरत हैं और कथित भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप को लेकर जांच के दायरे में हैं। 

पारदर्शिता लाने के लिए पूर्व में की गई पहल में फड़नवीस ने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से दो अधिकारियों को कैबिनेट के लिए सभी पीएस और ओएसडी उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग और इंटरव्यू के लिए नियुक्त किया था। इस प्रक्रिया के कारण कई नियुक्तियाँ रुक गईं, खासकर उन लोगों की जो लंबे समय से इन मंत्रियों के साथ थे। हालाँकि, कुछ कर्मचारी इसके बावजूद अपने नेताओं के साथ काम करते रहे हैं, जिसे लेकर अब नोटिस जारी किया गया है।

विपक्ष साध रहा फड़नवीस सरकार पर निशाना

इस बीच विपक्ष ने पूरे घटनाक्रम को महायुति गठबंधन के भीतर बढ़ती कलह का संकेत माना है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘यह सिर्फ निजी सचिवों के बारे में नहीं है; यह गठबंधन सहयोगियों के बीच समन्वय और विश्वास की कमी को उजागर करता है। मुख्यमंत्री के आदेशों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है, जो दर्शाता है कि उनका नियंत्रण कितना कमजोर है।’

विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने भी कहा कि भ्रष्ट निजी सचिवों और ओएसडी के बारे में शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को आगामी मानसून सत्र के दौरान उठाया जाएगा। इस बीच, कैबिनेट मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि केवल मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ही इस मामले पर स्पष्टीकरण दे सकते हैं।

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