Saturday, October 11, 2025
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अदानी के बाद अब कौन? हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा- भारत में जल्द ही कुछ बड़ा आने वाला है!

नई दिल्लीः हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने ताजा ट्वीट से हलचल पैदा कर दिया है। पिछले साल अदानी पर बड़ा हमला करने के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक और बड़े भारतीय खुलासे का संकेत दिया है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने शनिवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारत, जल्द ही कुछ बड़ा आने वाला है।’

पिछले साल 24 जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदानी एंटरप्राइजेज की नियोजित शेयर बिक्री से ठीक पहले समूह के ऊपर सनसनीखेज रिपोर्ट जारी कर बाजार में कोहराम मचा दिया था। रिपोर्ट के कारण अदाणी समूह के शेयरों के बाजार मूल्य में 86 अरब डॉलर की गिरावट आई थी और इसके विदेशों में सूचीबद्ध बॉन्ड की बड़ी बिक्री शुरू हो गई थी।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने समूह द्वारा शेयरों में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। यह मामला शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट (जिसमें आरोप लगाया गया था कि अदाणी ने अपनी शेयर कीमतों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है) से संबंधित था। रिपोर्ट सामने आने के बाद अदानी समूह की कंपनियों के शेयरों में तेजी से गिरावट आई, जो कथित तौर पर 100 अरब डॉलर से अधिक की थी।

अदानी एंटरप्राइजेज द्वारा 2.5 अरब डॉलर की अनुवर्ती सार्वजनिक पेशकश जारी करने से दो दिन पहले अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। अदानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में लगे सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया था।

भाजपा नेता महेश जेठमलानी ने हिंडनबर्ग पर लगाया था बड़ा आरोप

इस साल जुलाई में भारत के सबसे वरिष्ठ वकील और भाजपा नेता महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया था कि चीनी संबंधों वाले एक अमेरिकी व्यवसायी ने हिंडनबर्ग रिसर्च को रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा था, जिसके कारण जनवरी-फरवरी 2023 में अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई।

जेठमलानी ने दावा किया कि किंगडन कैपिटल मैनेजमेंट एलएलसी के पीछे अमेरिकी व्यवसायी मार्क किंगडन ने अदानी समूह पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च को काम पर रखा था।

जेठमलानी ने इस साल जुलाई में अपने एक्स पोस्ट में आरोप लगाया था कि “जासूस” अनला चेंग और उनके पति मार्क किंगडन ने अदानी समूह की कंपनियों पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च को काम पर रखा था।

वरिष्ठ वकील ने आगे कहा था कि उन्होंने अदानी के शेयरों को शॉर्ट-सेलिंग करने और भारतीय खुदरा निवेशकों की कीमत पर लाखों का मुनाफा कमाने के लिए कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (केएमआईएल) का इस्तेमाल एक ट्रेडिंग अकाउंट स्थापित करने के लिए किया।

अदानी समूह को सुप्रीम कोर्ट ने दी थी क्लीन चीट

इससे पहले भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी सेबी की रिपोर्ट के बाद हिंडनबर्ग के आरोपों पर अदानी समूह को क्लीन चिट दे दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने अदानी-हिंडनबर्ग मामले की अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच गठित करने की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए.एम. सप्रे ने कहा था कि न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता शर्त को नियंत्रित करने वाले नियामक शर्तो के अनुपालन के संबंध में कोई नियामक विफलता नहीं है और हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कोई नया डेटा नहीं है, यह सार्वजनिक डोमेन के डेटा से अनुमानों का एक संग्रह है।

इस साल जून में, अदानी एंटरप्राइजेज की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को संबोधित करते हुए, समूह के अध्यक्ष गौतम अदानी ने कहा था कि उन्हें “एक विदेशी शॉर्ट सेलर द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसने हमारी दशकों की कड़ी मेहनत पर सवाल उठाया।”

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