Friday, October 10, 2025
Homeभारतपद्म पुरस्‍कारों को 'पीपल्स पद्म' बनाने का प्रयास, जानें कौन और कहां...

पद्म पुरस्‍कारों को ‘पीपल्स पद्म’ बनाने का प्रयास, जानें कौन और कहां कर सकता है नामांकन?

नई दिल्लीः अगले साल 2025 में गणतंत्र दिवस पर घोषित होने वाले पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है। अंतिम तारीख 15 सितंबर, 2024 निर्धारित की गई है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन इस साल 1 मई से शुरू हुई थी और अब इसके लिए केवल कुछ ही दिन शेष हैं। योग्य व्यक्तियों के नाम की सिफारिश या नामांकन केवल राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर ऑनलाइन ही किया जा सकता है।

कौन कर सकता है पद्म पुरस्कार के लिए नामांकन?

गृह मंत्रालय की मानें तो डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर, अन्य सरकारी सेवक और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी इन पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं हैं।

पद्म पुरस्कारों के अंतर्गत कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया जाता है। जाति, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मानों के लिए पात्र हैं।

‘पीपल्स पद्म’ बनाने का प्रयास

केंद्र सरकार का कहना है कि वह पद्म पुरस्कारों को ‘पीपल्स पद्म’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे योग्य व्यक्तियों को नामित करें। महिलाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति, दिव्यांगों और समाज के कमजोर वर्गों से जुड़े ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जाने चाहिए जिनकी असाधारण उपलब्धियां वास्तव में सम्मान के योग्य हैं।

नामांकन में अनुशंसित व्यक्ति की उपलब्धियों का स्पष्ट विवरण और उद्धरण (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना आवश्यक है। अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र की विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो। इस संबंध में विस्तृत जानकारी गृह मंत्रालय की वेबसाइट और पद्म पुरस्कार पोर्टल पर उपलब्ध है।

पद्म पुरस्कार

पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं जिनकी स्थापना वर्ष 1954 में हुई थी। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किए जाते हैं, सिवाय 1978 और 1979 तथा 1993 से 1997 के।

इन पुरस्कारों को तीन श्रेणियों में दिया जाता है: पद्म विभूषण (असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए), पद्म भूषण (उच्चतर क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए) और पद्म श्री (विशिष्ट सेवा के लिए)। यह पुरस्कार सभी क्षेत्रों में उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए दिया जाता है, जहां सार्वजनिक सेवा का तत्व शामिल होता है।

पद्म पुरस्कारों का प्रदान करने के लिए, पद्म पुरस्कार समिति की सिफारिशें ली जाती हैं, जो प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिवर्ष गठित की जाती है। नामांकन प्रक्रिया आम लोगों के लिए खुली है। इसके लिए खुद भी नामांकन किया जा सकता है।

इतिहास और प्रासंगिकता

भारत सरकार ने 1954 में दो नागरिक पुरस्कारों – भारत रत्न और पद्म विभूषण – की स्थापना की। बाद में इनमें तीन वर्ग थे: पहला वर्ग, दूसरा वर्ग और तीसरा वर्ग। इनका नाम बाद में 8 जनवरी, 1955 को जारी राष्ट्रपति अधिसूचना के अनुसार क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री कर दिया गया।

ये भी पढ़ेंः ‘भारत की नीति पहले दूरी बनाकर रहने की होती थी लेकिन अब…’, पीएम मोदी ने पोलैंड में विदेश नीति पर क्या कहा?

भारत रत्न

भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। इसे किसी भी क्षेत्र में मानव प्रयास के उच्चतम क्रम की असाधारण सेवा/प्रदर्शन के लिए प्रदान किया जाता है। इसे पद्म पुरस्कारों से अलग श्रेणी में रखा जाता है। भारत रत्न के लिए सिफारिशें प्रधानमंत्री द्वारा भारत के राष्ट्रपति को की जाती हैं। भारत रत्न के लिए औपचारिक सिफारिशें आवश्यक नहीं हैं। किसी विशेष वर्ष में भारत रत्न पुरस्कारों की संख्या अधिकतम तीन तक सीमित है। सरकार ने अब तक 53 व्यक्तियों को भारत रत्न पुरस्कार प्रदान किया है।

IANS इनपुट के साथ

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा