नई दिल्ली: भारत में दूषित कफ सिरप के सेवन से लगभग 22 बच्चों की मौत होने के बाद, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) ने भारतीय बाजार में बिक रहे तीन कफ सिरप को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र की इस स्वास्थ्य संस्था ने इन्हें ‘दूषित’ और ‘घटिया’ (सबस्टैंडर्ड) उत्पाद बताते हुए इनके उपयोग को लेकर चेतावनी जारी किया है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने मौतों के बारे में डबल्यूएचओ को बताया है कि दूषित दवाओं में से किसी का भी निर्यात नहीं किया गया था।
WHO द्वारा चेतावनी दिए गए तीन कफ सिरप
ये तीन कफ सिरप ऐसे हैं जिनके खिलाफ डबल्यूएचओ ने चेतावनी जारी की है-
कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप
यह तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में लगभग 22 बच्चों की मौत इसी सिरप के सेवन से हुई है। ये सिरप आमतौर पर बच्चों को प्रिस्क्राइब किया जाता था। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के अनुसार, इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) नामक जहरीला रसायन पाया गया था। डीआईजी की मात्रा अनुमेय सीमा (0.1 प्रतिशत) से लगभग 500 गुना अधिक (8.6 प्रतिशत) थी। इस घटना के बाद, श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स का विनिर्माण लाइसेंस रद्द कर दिया गया और मालिक जी. रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया गया। कई राज्यों ने सिरप पर रोक लगा दी और एडवाइजरी जारी कर दो साल से कम उम्र के बच्चों को सिरप न देने की सलाह दी गई।
रेस्पीफ्रेश टीआर (Respifresh TR)
यह गुजरात की रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित है। इस सिरप को सीधे बच्चों की मौत से नहीं जोड़ा गया है, लेकिन जाँच में इसमें 1.342% डीईजी संदूषण पाया गया, जो अनुमेय स्तर से काफी अधिक है। जाँच के निष्कर्षों के बाद इस सिरप को बाजार से वापस मंगा लिया गया है और भारत सरकार ने इसका उत्पादन भी रोक दिया है।
रिलाइफ (ReLife)
जाँच के दायरे में आने वाला यह तीसरा सिरप शेप फार्मा का रिलाइफ है। नियामकों ने इस कफ सिरप में भी 0.616% डीईजी संदूषण पाया, जिसके बाद उत्पाद को तत्काल वापस मंगाने और उत्पादन रोकने का निर्देश दिया गया। शेप फार्मा को भी अपने सभी चिकित्सा उत्पादों का उत्पादन रोकने के लिए कहा गया है।
मौतों का कारण जहरीला डीईजी
बता दें कि छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ के सेवन से 22 बच्चों की मौत हुई, जिसमें अधिकांश बच्चों की मौत किडनी संक्रमण और फेल्योर के कारण हुई। विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी और सीडीएससीओ के आदेशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी संबंधित सिरपों का उपयोग बंद करने और आम जनता को सावधान रहने की सलाह दी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब तक किसी भी संदूषित दवा का निर्यात नहीं हुआ है।