Friday, October 10, 2025
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भोपाल गैस त्रासदी के गुनहगारों को कब मिलेगी सजा?

40 साल पहले भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने में हुई गैस त्रासदी के बाद निकले जहरीले कचरे को इंदौर के करीब पीथमपुर में जलाया जाएगा, जिसके लिए वहां की एक कंपनी को 126 करोड रुपये दिए गए हैं। अब स्थानीय लोगों को ये डर सता रहा है कि कहीं जहरीले कचरे का असर उनकी सेहत पर ना पड़े।

पीथमपुर की रामकी कंपनी को ये जिम्मा मिला है और ये सारा संवेदनशील काम… गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की देखरेख में होगा। इस जहरीले कचरे को नष्ट करने का काम आसान नहीं है क्योंकि इसको भोपाल से करीब ढाई सौ किलोमीटर दूर पीथमपुर तक ले जाना भी बहुत बड़ी चुनौती है और उस कचरे से रास्ते में भी कोई हादसा हो सकता है। लेकिन सवाल ये है कि उस जहरीले कचरे को कब तक रखा जाता। इसे नष्ट करने की कोशिशें तो काफी पहले से चल रही हैं ।

2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कचरे के कुछ हिस्से को रामकी कंपनी ने ही जलाया था और वो प्रयोग कारगर और कामयाब रहा। इसीलिए बाकी कचरे को जलाने का काम भी उसी कंपनी को दे दिया गया है। अब ये काम होगा लेकिन स्थानीय लोगों की चिंताएं भी उभर रही हैं और पर्यावरण को बचाने के लिए काम करने वालों की भी।

स्थानीय लोगों को लगता है कि उनके आस पडोस में उस कचरे का जलना सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। चालीस साल का लंबा वक्त बीत जाने के बावजूद लोगों के जख्म अभी भरे नहीं हैं। लोगों की आंखों में वो मंजर आज भी घूमते हैं कि कैसे भोपाल शहर एक झटके में गैस चैंबर बन गया था। कैसे कंपनी के आसपास की गलियां लाशों से पट गई थीं। कैसे आज भी तमाम लोग मिल जाते हैं जो उस त्रासदी के मारे हुए हैं।

हादसे के 40 साल बीत चुके हैं। एक पीढ़ी गुजर चुकी है, उसके बाद की पीढ़ियां उस हादसे का आज भी भुगतान कर रही हैं लेकिन इसके जिम्मेदार, गुनहगार लोग आज भी मौज कर रहे हैं। बोले भारत के इस वीडियो में कहानी उस हादसे की और उसके पीछे चली राजनीति की।

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