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टोकन बंटने भी शुरू नहीं हुए थे फिर तिरुपति मंदिर में कैसे मची भगदड़…क्या हुआ था?

अमरावती: आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में बुधवार देर रात भगदड़ मच गई। इसमें कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हुए हैं। मृतकों में कम से कम तीन महिलाएं हैं। कई घायल श्रद्धालु तमिलनाडु से हैं। गंभीर रूप से घायल कम से कम 30 लोगों को इलाज के लिए रुइया अस्पताल ले जाया गया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि दर्शन के लिए दिए जाने वाले टोकन के वितरण काउंटर पर यह हादसा हुआ। आखिर क्या हुआ था और अब तक क्या बातें आई है सामने, आइए जानते हैं।

वैकुंठ एकादशी पर दर्शन के लिए पहुंचे थे श्रद्धालु

तिरुपति मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शन 10 से 19 जनवरी तक आयोजित होना है। इस दौरान भक्त मंदिर के उत्तरी प्रवेश द्वार से भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करते हैं। तिरुमाला पहाड़ियों पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के इस मंदिर में वैकुंठ एकादशी उत्सव शुरू होने से दो दिन पहले टिकट काउंटरों पर भारी भीड़ जमा होनी शुरू गई थी।

इस उत्सव में शुरुआती तीन दिन यानी 10 से 12 जनवरी तक भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के ‘सर्व दर्शन’ (मुफ्त दर्शन) के लिए भक्तों को 1,20,000 टोकन वितरित करने की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए ‘दर्शन टोकन’ गुरुवार (9 जनवरी) सुबह 5 बजे से दिए जाने थे, लेकिन मंदिर संचालन की देखरेख करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा स्थापित काउंटरों पर एक रात पहले ही हजारों लोग जमा हो गए।

अधिकारियों ने बताया कि टोकन वितरण की व्यवस्था कुछ अन्य जगहों पर भी की गई थी। इसमें श्रद्धालुओं के लिए बनाए तीन लॉज – विष्णु निवासम, श्रीनिवासम और भूदेवी परिसरों के अलावा कुछ अन्य जगहे जैसे सत्यनारायणपुरम, बैरागीपट्टेडा और तिरूपति के रामानायडू स्कूल शामिल हैं। कुल अलग-अलग 94 काउंटरों पर टोकन वितरण की व्यवस्था थी।

एमजीएम हाई स्कूल में बने काउंटर पर हालात हुए बेकाबू

तिरूपति नगर आयुक्त एन मोरुया ने कहा कि विष्णु निवासम के पास बैरागीपट्टेडा में एमजीएम हाई स्कूल में बने काउंटर पर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। बुधवार सुबह से ही काउंटर पर करीब 4,000-5,000 लोग जमा हो गये थे। शाम होते-होते भीड़ अनियंत्रित हो गई, जिससे धक्का-मुक्की होने लगी।

टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू के अनुसार इसी दौरान एक महिला की तबीयत खराब होने लगी थी। उसकी सहायता के लिए जब गेट खोला गया, तो भीड़ एक साथ आगे बढ़ गई। कुल मिलाकर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई 40 से अधिक घायल हो गए।

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