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क्या है ‘ई-डिटेक्शन’ सिस्टम जिससे दिल्ली में आने वाली पुरानी गाड़ियों की एंट्री पर लगेगी रोक?

नई दिल्ली: दिल्ली में पुरानी गाड़ियों की एंट्री को रोकने के लिए केंद्र सरकार एक नई सिस्टम पर काम कर रही है। सरकार ऑनलाइन एक सिस्टम को शुरू करने पर विचार कर रही है जो पुरानी हो गई गाड़ियों को दिल्ली के बार्डर और टोल प्लाजा पर ही पता लगा लेगी।

एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार “ई-डिटेक्शन” नामक एक नई सिस्टम शुरू करने जा रही है। सरकार द्वारा इसे दिवाली तक लॉन्च करने की योजना है। लेकिन इसे लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

सरकार का उद्देश्य सिस्टम का इस्तेमाल कर पुरानी गाड़ियों के फिटनेस और प्रदूषण प्रमाण पत्र जैसी जानकारियों को ऑनलाइन ही पता लगा लगाना है। सिस्टम के जरिए दिल्ली में आने वाली पुराने और अनफिट वाहनों की पहचान कर प्रदूषण को कम करना भी सरकार का लक्ष्य है।

मौजूदा नियमों के तहत 10 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों के शहर में प्रवेश पर बैन है। इन नियमों को लागू करने में अधिकारियों को काफी दिक्कतें होती हैं। उन्हें हर गाड़ियों को यह चेक करना पड़ता था कि वे पूरे नियम को सही से फॉलो कर रहे हैं कि नहीं। इस समस्या को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

कैसे करेगा नया सिस्टम काम

सरकार का उद्देश्य दिल्ली में आने वाली 10 साल से ऊपर डीजल और पेट्रोल की पुरानी गाड़ियों को सिस्टम के जरिए पहचान करना है। सिस्टम दिल्ली के बॉर्डर और राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल प्लाजों को पार करने वाली पुरानी गाड़ियों की जानकारियों को जमा करेगा।

यह जानकारी फास्टैग, गाड़ियों के फोटो और उनके रजिस्ट्रेशन के जरिए जमा होगी। इन जानकारियों को केंद्र सरकार के वाहन डेटाबेस से मिलाया जाएगा।

इससे दिल्ली में आने वाली पुरानी गाड़ियों के बारे पूरी जानकारी हासिल की जाएगी। इन जानकारियों में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, परमिट और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र से लेकर और भी जरूरी दस्तावेजों का ऑनलाइन ही पता लगाया जाएगा।

इस डेटा के आधार पर जिन भी गाड़ियों को नियमों का उल्लघंन करते हुए पाया जाएगा, उनके खिलाफ ऑटोमेटिक ई-चालान के रूप में जुर्माना जारी किया जाएगा।

नेशनल हाईवे समेत 52 जगहों पर लगाया गया है कैमरा

सिस्टम के शुरुआती स्टेज में नेशनल हाईवे समेत दिल्ली आने वाले 52 एंट्री प्वाइंट में कैमरें लगाए गए हैं। ये कैमरें फास्टटैग और गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर को कैद करेंगे।

शुरुआती स्टेज में सरकार यह चाहती है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) दिल्ली आने वाली हर गाड़ियों की जानकारी को कुछ घंटों के अंतराल पर भेजे। बाद में इसे विकसित कर रियल टाइम में बदलने का विचार है।

लगभग 6 करोड़ गाड़ियां है अनफिट-दावा

देश भर में परिवहन और यातायात के नियमों में प्रवर्तन को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। एक आकंड़े के अनुसार, भारत में रजिस्ट्रशन की हुए गाड़ियों की कुल संख्या 38 करोड़ हैं जिनमें से छह करोड़ गाड़ियां अनफिट हैं।

सरकार को उम्मीद है कि यह प्रणाली उन वाहनों की पहचान करने और उन्हें स्क्रैप करने में मदद करेगी। बता दें कि ओडिशा ने पहले ही अपने राष्ट्रीय राजमार्गों पर बिना वैध दस्तावेजों वाले वाहनों के लिए ई-डिटेक्शन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।

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