Friday, October 10, 2025
Homeकारोबारक्या है T+1 ट्रेडिंग सेटेलमेंट जिसे अमेरिका ने 100 साल बाद फिर...

क्या है T+1 ट्रेडिंग सेटेलमेंट जिसे अमेरिका ने 100 साल बाद फिर से किया लागू

वॉशिंगटन डीसी: अमेरिकी शेयर बाजार में 100 साल पुराना सिस्टम फिर से शुरू हो गया है। वॉल स्ट्रीट में एक बार फिर से T+1 ट्रेडिंग सेटलमेंट की शुरुआत की गई है। इस सिलसिले में अमेरिकी मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने एक सर्कुलर और इन्वेस्टर बुलेटिन भी जारी किया है।

जारी सर्कुलर और इन्वेस्टर बुलेटिन में यह कहा गया है कि अमेरिकी शेयर बाजार में 28 मई 2024 से इसकी शुरुआत हो रही है। यही नहीं इस सेटेलमेंट में कौन-कौन से बदलाव होंगे, इसकी भी जानकारी दी गई है।

सर्कुलर के अनुसार, साल 2017 से चल रहे T+2 ट्रेडिंग सेटलमेंट को T+1 ट्रेडिंग सेटलमेंट कर दिया गया है। आसान भाषा में समझें तो इसका मतलब यह हुआ है कि अब से लेनदेन के समय में कम समय लगेगा और सेटेलमेंट जल्दी सेटेल हो जाएगा।

क्या है यह T+1 ट्रेडिग सेटलमेंट

जक निवेशकों द्वारा किसी सिक्योरिटीज की खरीदारी की जाती है तो खरीदार के यहां सिक्योरिटीज ट्रांसफर होती है और बेचने वालों के पास सिक्योरिटीज के पैसे ट्रांसफर होते हैं। इस खरीद और बिक्री की प्रक्रिया को “सेटलमेंट” कहते हैं।

ऐसे में इस सेटलमेंट के लिए कुछ समय लगता है और समय को सेटलमेंट साइकल कहते हैं। 2017 से सेटलमेंट की साइकल दो दिन (T+2) की गई थी जिसे अब कम करके एक दिन (T+1) कर दिया है।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए किसी कंपनी ने सोमवार को अपना शेयर बेचा तो इस केस में सेटलमेंट की साइकल दो दिन बाद आएगी यानी ट्रांजैक्शन का सेटलमेंट बुधवार को होगा।

इस साइकल को (T+2) कहते थे। लेकिन अब जब (T+1) शुरू हो गया है तो इस केस में आपके ट्रांजैक्शन का सेटलमेंट पहले के मुकाबले बुधवार के बदले अब मंगलवार को ही पूरा हो जाएगा।

इससे पहले क्यों T+1 को छोड़ा गया था

बता दें कि 1920 में T+1 का इस्तेमाल किया जाता था और इस कारण उस समय के बाजार में अच्छा प्रदर्शन भी दिखता था। उस समय बाजार में मैनुअल तरीके से काम होता है और जैसे-जैसे बाजार में निवेश बढ़ते गया ट्रांजैक्शन का वॉल्यूम भी बढ़ता गया था।

इस कारण सेटलमेंट की साइकल पांच दिन की हो गई थी और कुछ सालों तक इस साइकल को फॉलो भी किया गया था।

साल 1987 में जब ब्लैक मंडे क्रेश तो बाजार को काफी नुकसान हुआ था और उस समय साइकल को घटाकर तीन दिन तक किया गया था। इसके बाद जैसे-जैसे समय बीता और बाजार में टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल होना शुरू हुआ तो साइकल पर भी काम करना शुरू हुआ था।

साल 2017 में सेटलमेंट की साइकल को कम करके दो दिन पर कर दिया गया था। ऐसे में साल 2024 में इस साइकल को और भी कम कर दिया गया है और उसे एक दिन का कर दिया गया है जैसे 1920 में चलता था।

क्या है चुनौतियां

इस बदलाव पर बोलते हुए एसईसी ने कहा है कि T+1 ट्रेडिंग सेटलमेंट को लागू करने के चलते “सेटलमेंट में शॉर्ट टर्म तेजी” हो सकती है। यही नहीं इस कारण मार्केट में निवेश करने वाले एक छोटे वर्ग के लिए यह एक चुनौती भी हो सकती है। बता दें कि इस सिस्टम को लागू करने के लिए कंपनियां महीनों से तैयारी कर रही हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा