Friday, October 10, 2025
Homeभारतबिहार में स्मार्ट बिजली मीटर पर क्यों विवाद मचा है...नीतीश सरकार का...

बिहार में स्मार्ट बिजली मीटर पर क्यों विवाद मचा है…नीतीश सरकार का क्या कहना है?

पटना: बिहार में नीतीश कुमार की सरकार इन दिनों प्री-पेड स्मार्ट बिजली मीटर को लेकर विपक्ष के निशाने पर है। नीतीश सरकार ने दरअसल 2025 तक पूरे बिहार में प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य बनाया है। यह काम पिछले कई सालों से चल भी रहा है लेकिन अब इसे लेकर काफी विवाद शुरू हो गया है। विपक्ष तो हमला बोल ही रहा है…कई आम लोगों ने भी इसके खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है।

बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मंगलवार (1 अक्टूबर) को कई जगहों पर स्मार्ट मीटर की योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया। राजद ने आरोप लगाया कि यह पूरी योजना कुछ बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने और आम लोगों से ‘पैसे लूटने’ के लिए बनाई गई है।

दूसरी ओर नई जन सुराज पार्टी लॉन्च करने वाले प्रशांत किशोर भी इसके खिलाफ नजर आ रहे हैं। प्रशांत किशोर ने ये तक कहा कि तीन ‘एस’ (S)- स्मार्ट मीटर, शराबबंदी और जमीन का सर्वे 2025 में नीतीश सरकार की हार की बड़ी वजहें होंगी।

पूरे बिहार में स्मार्ट मीटर क्यों लगाना चाहती है सरकार?

स्मार्ट मीटर की इस पूरी योजना के पीछे बिजली चोरी को रोकना और बिजली बिलों का भुगतान सुनिश्चित करना है। बिजली चोरी के ज्यादातर मामले ग्रामीण इलाकों से आते हैं। स्मार्ट मीटर लगने से लोगों के लिए शुरू में ही रिचार्ज करवाना अनिवार्य होगा। ऐसे में बड़े पैमाने पर पैसा सरकार के बैंक के खाते में आएगा। इससे भी बैंक ब्याज से सरकार को कुछ राजस्व मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा सरकार और उपभोक्ता वास्तविक समय में बिजली के इस्तेमाल की निगरानी कर सकेंगे। साथ ही इस कदम से मीटरों की मैन्युअल रीडिंग में लगने वाला खर्च भी बचेगा। स्मार्ट मीटर के साथ छेड़छाड़ करना भी मुश्किल माना जाता है। इससे भी बिजली चोरी को रोकने में मदद मिलेगी। बिजली इस्तेमाल की सही मॉनिटरिंग से ग्रीड प्रबंधन भी ठीक से हो सकेगा।

इस काम में बिहार में कौन सी कंपनियां लगी हैं?

बिहार में राज्य सरकार द्वारा संचालित नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल) और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) बिजली वितरण के लिए जिम्मेदार नोडल कंपनियां हैं। यह दोनों ऊर्जा विभाग के अधीन आती हैं। इन दोनों कंपनियों ने राज्य भर में स्मार्ट मीटर लगाने की मुहिम के लिए कुछ निजी कंपनियों का सहारा लिया है।

बिहार सरकार ने सितंबर 2019 में पटना से प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत की थी। इसके बाद जनवरी 2023 से ग्रामीण क्षेत्रों में ये मीटर लगाने का काम चल रहा है। आंकड़े बताते हैं कि अभी तक राज्य में करीब 50 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इसमें शहरी क्षेत्रों में 17.47 लाख मीटर शामिल हैं। बिहार के कई जिलों मसलन- मुंगेर, बांका, शेखपुरा, जमुई, भोजपुर, गया, पूर्णिया, सुपौल, भागलपुर, किशनगंज, कटिहार, अरवल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, खगड़िया और नवादा जैसे जिलों में मीटर लगाने का काम अभी चल रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक राज्य के सभी 38 जिलों में स्मार्ट मीटर लगा दिया जाए।

लोगों की क्या शिकायत है और सरकार का क्या जवाब है?

स्मार्ट मीटर को लेकर कई लोगों का कहना है कि उनका बिजली बिल ज्यादा आ रहा है। इसके मायने ये हुए कि बिजली पर उनका मासिक खर्च पहले से ज्यादा बढ़ गया है। इसके अलावा ये भी शिकायत है कि बैलेंस के निगेटिव में जाते ही बिजली तत्काल कट जाती है जिससे परेशानी बढ़ जाती है।

एक और बड़ी शिकायत ये भी कि रिचार्ज करने के बावजूद कई बात तुरंत बिजली आपूर्ति नहीं होती। कुछ मामलों में तो शिकायत करने के बाद आपूर्ति ठीक हो पाती है। विपक्ष के सामने आने के बाद पूरा मामला और तेजी से उछल रहा है।

वहीं, नीतीश सरकार ने विपक्ष पर लोगों के बीच स्मार्ट मीटर को लेकर ‘गलत सूचना’ फैलाने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में स्थिति का जायजा लेने के लिए ऊर्जा विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक भी की थी। बताया जा रहा है कि कुछ समस्याओं का हल निकालने के लिए सरकार इस पर भी विचार कर रही है कि निगेटिव में बैलेंस जाने के बावजूद रिचार्ज के लिए कम से कम 15 दिन का समय दिया जाए और इस दौरान बिजली नहीं काटी जाएगी।

इस बीच सूत्रों के हवाले से ऐसी भी खबरें हैं कि बढ़ते विरोध को देखते हुए नीतीश सरकार स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को धीमी कर सकती है या फिर चुनाव तक इसे रोका जा सकता है। बिहार में विधानसभा चुनाव अगले साल अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा