Friday, October 10, 2025
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हाइपरलूप किसे कहते हैं, क्या साल 2032-33 तक भारतीयों को मिल सकता एक नया ट्रांस्पोर्ट सिस्टम?

भारत में एक नए ट्रांस्पोर्ट सिस्टम पर जोर-शोर से काम चल रहा है। इस ट्रांस्पोर्ट सिस्टम का नाम हाइपरलूप (Hyperloop) है। इसके तहत भारत के एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ने की योजना है।

टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 से पुणे स्थित स्टार्टअप क्विंट्रांस हाइपरलूप इस पर काम कर रहा है और 2027-28 तक देश में कार्गो हाइपरलूप चलाने का प्लान है।

शुरुआती दौर में हाइपरलूप को मुंबई से पुणे बीच चलाने को लेकर काम किया जा रहा है और फिर बाद में इसे चेन्नई से बेंगलुरु, दिल्ली से चंडीगढ़ जैसे अन्य नजदीकी शहरों से भी जोड़ना की योजना है। स्टार्टअप का कहना है कि हाइपरलूप से यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और यह एक बहुत ही सुरक्षित यात्रा सिस्टम होगी।

स्टार्टअप ने क्या कहा

द फ्री प्रेस जर्नल के मुताबिक, योजना पर बात करते हुए क्विंट्रांस हाइपरलूप के सह-संस्थापक प्रणय लुनिया ने बताया कि हम हाइपरलूप को तैयार करने की लागत को बुलेट ट्रेन से भी कम करना चाहते है। उनके अनुसार, वे इसके प्रोजेक्ट को लगभग ₹150 करोड़ तक रख रहे हैं जो मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना से सस्ता है।

मुंबई से पुणे के बीच भविष्य में चलने वाली हाइपरलूप के टिकट पर बोलते हुए लुनिया ने कहा है कि इस यात्रा का टिकट एक हजार से 1500 से बीच हो सकता है जो पुणे से मुंबई के बीच सीधी उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स और वंदे भारत के ट्रेन से भी सस्ता है।

यही नहीं उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हाइपरलूप के जरिए आप पुणे से मुंबई का सफर केवल 25 मिनट में तय कर सकते हैं। इतने कम समय में आप फ्लाइट्स और वंदे भारत से नहीं पहुंच सकते हैं।

कैसे चलता है हाइपरलूप

हाइपरलूप एक तरह से ‘फास्ट ट्रेन’ होगी जो एक कैप्सूल के आकार में होगी। कार, ट्रेन, जहाज और विमान के बाद यह एक पांचवा ट्रांस्पोर्ट सिस्टम होगा जिससे यात्री एक जगह से दूसरी जगह बहुत ही कम समय और सुरक्षित तरीके से सफर कर पाएंगे।

इन कैप्सूल को एक बहुत ही लंबे ट्यूब में चलाया जाएगा जिसमें हवा नहीं होगी और इन ट्यूब को जमीन के बाहर या फिर इसके नीचे लगाया जाएगा।

द हिन्दू के अनुसार, हाइपरलूप में एक बहुत ही लंबा ट्यूब होता है जो एक विशाल वैक्यूम क्लीनर की नली की तरह होता है, इसके अंदर कैप्सूल यानी पॉड चुम्बक पर तैरते हैं। चूंकि इसमें एक दम से हवा नहीं होती है, यह पॉड बिना किसी रुकावट के एक जगह से दूसरी जगह सफर कर पाता है।

यह अब तक का सबसे तेज ट्रांस्पोर्ट सिस्टम होगा जो मैक 1 तक की गति तक एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंच सकता है। बताया जा रहा है कि यह ध्वनि जितनी तेज होगी। यही नहीं इसकी स्पीड की अगर बात की जाए तो यह विमान के दोगुनी स्पीड से चलगेगा।

परियोजना की क्या है वर्तमान स्थिति

प्रणय लुनिया ने बताया कि फिलहाल महाराष्ट्र के पुणे में 100 मीटर का पायलट सेटअप तैयार हो रहा है। पुणे के पायलट सेटअप के जरिए वे इस परियोजना को लेकर लोगों को इसके बारे में और इसके काम करने के तरीकों की जानकारी देने की योजना है।

उनके अनुसार, इस संबंध में वे देश के कई राज्यो के सरकारी संस्थानों से भी बात हो रही है और इस पर उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया भी मिल रही है।

बता दें कि साल 2019 में महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में दुनिया की पहली हाइपरलूप प्रणाली विकसित करने की हाइपरलूप वन की योजना को मंजूरी दी थी। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार और वर्जिन समूह द्वारा प्रोमोटेट हाइपरलूप वन के बीच एक ज्वाइंट वेंचर हुआ था।

इस डील से पुणे को मुंबई से जोड़ने की योजना है जिससे इन दोनों शहरों के बीच का सफर तीन घंटे के बजाय 25 मिनट में तय होगा।

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