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Covid 19: कोरोना की वापसी! भारत में 257 केस, मुंबई में दो मौत, कोविड के नए वैरिएंट JN.1 के बारे में जानिए

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी की एक नई लहर एशिया के कई देशों में फैल रही है। पिछले कुछ दिनों में सिंगापुर, हांगकांग और थाईलैंड जैसे देशों में संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। अभी तक सामने आई जानकारी के अनुसार यह उछाल मुख्य रूप से नए ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट, और इसमें भी विशेष रूप से JN.1 और इससे जुड़े LF.7 और NB.1.8 की वजह से है। इन सबके बीच आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत में भी अभी कोविड-19 संक्रमित 257 मामले हैं। इनमें से अधिकांश हल्के लक्षण वाले हैं और उन्हें अस्पताल में देखभाल की जरूरत नहीं है।

भारत के किन राज्यों में कोविड-19 के मामले?

12 मई के बाद से केरल में सबसे अधिक नए संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं, जहाँ 69 मामले सामने आए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 44 और तमिलनाडु में 34 मामले सामने आए हैं। नए मामलों वाले अन्य राज्यों में कर्नाटक (8), गुजरात (6), दिल्ली (3) और हरियाणा, राजस्थान और सिक्किम में भी एक-एक मामले मिले हैं।

इसके अलावा मुंबई में किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल में कोविड-19 से जुड़ी दो मौतें हाल ही में सामने आई हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टरों ने कहा कि दोनों मरीजों की स्थिति गंभीर थी। मृतकों में एक 14 साल का बच्चा था जिसकी किडनी नेफ्रोटिक सिंड्रोम के कारण खराब हो गई थी, जबकि दूसरा 54 वर्षीय कैंसर का रोगी था। गौरतलब है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पहले भी कई चिंता जताई है कि लोगों में कमजोर होती इम्यूनिटी के कारण भारत में भी मामलों में वृद्धि हो सकती है।

इससे पहले, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 19 मई तक 93 सक्रिय COVID-19 मामलों की सूचना दी थी। बहरहाल, आईए जानते हैं कोविड-19 के इस नए वैरिएंट और इसके लक्षणों के बारे में, जो पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है।

कोविड-19: JN.1 वैरिएंट क्या है?

JN.1 कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट है जो ओमिक्रॉन BA.2.86 परिवार से आता है। इसके बारे में पहली बार अगस्त 2023 में जानकारी सामने आई थी। जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के डॉक्टरों और शोधकर्ताओं का कहना है कि JN.1 में कुछ अतिरिक्त परिवर्तन (म्यूटेशन) पाए गए हैं जो इसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अधिक आसानी से फैलने में मदद करते हैं। 

इसमें लगभग 30 म्यूटेशन भी हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए इससे लड़ना कठिन बना देतें हैं। यह म्यूटेशन उस समय देखे गए किसी भी अन्य वैरिएंट से ज्यादा है।

वहीं, येल मेडिसिन (Yale Medicine) का कहना है कि इसके स्पाइक प्रोटीन (वायरस का वह हिस्सा जो हमारी कोशिकाओं में प्रवेश करता है) में होने वाले परिवर्तन वायरस को शरीर की इम्यूनिटी से बचने में मदद कर सकते हैं। हालाँकि इस संबंध में अभी और अधिक शोध की जरूरत है।

JN.1 वैरिएंट से संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार JN.1 वैरिएंट से संक्रमण लक्षण काफी हद तक पहले के ओमिक्रॉन स्ट्रेन में देखे गए लक्षणों के समान हैं। इनमें शामिल हैं-

गले में खराश
बुखार
नाक बहना या बंद होना
सूखी खांसी
सिरदर्द
थकान
स्वाद या गंध का न आना

कुछ रोगियों ने पिछली लहरों की तुलना में ज्यादा तेजी से थकावट की भी सूचना दी है। अधिकांश मामले हल्के रहते हैं और आराम और हाइड्रेशन के साथ घर पर ही इसे ठीक किया जा सकता है। जानकारों के अनुसार हालाँकि, बीमारी की गंभीरता उम्र, मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों और व्यक्तिगत इम्यूनिटी लेवल के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।

देश के कई हिस्सों में मानसून से पहले की बीमारियाँ भी फैल रही हैं। ऐसे में रोग की पहचान मुश्किल हो सकती है। ऐसे में फ्लू जैसे लक्षण महसूस करने वाले किसी भी व्यक्ति से भीड़-भाड़ से बचने, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और जरूरत पड़ने पर जाँच करवाने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

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