Friday, October 10, 2025
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क्या है BIMSTEC, पीएम मोदी सम्मेलन में लेंगे भाग; भारत के लिए कितना अहम है?

बैंकॉक: पीएम नरेंद्र मोदी थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में बिम्सटेक के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनवात्रा और राजा महा वजीरालोंगकोर्न के साथ बैठक भी करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने थाईलैंड में बिम्सटेक (BIMSTEC) सम्मेलन के दौरान बिना नाम लिए मोहम्मद यूनुस पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि भारत बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह समझता है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि बंगाल की खाड़ी में भारत की सबसे लंबी तटरेखा है, जिसकी लंबाई करीब 6,500 किमी है।

बिम्सटेक के शिखर सम्मेलन शामिल होंगे पीएम मोदी

जयशंकर ने आगे कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र बिम्सटेक के लिए एक कनेक्टिविटी हब बन रहा है। यहां सड़क, रेलवे, जलमार्ग, बिजली ग्रिड और पाइपलाइनों का बड़ा नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि त्रिपक्षीय राजमार्ग पूरा होने के बाद भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र सीधे प्रशांत महासागर से जुड़ जाएगा, जो बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला कदम होगा।

विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, बिम्सटेक बिजनेस शिखर सम्मेलन को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अन्य नेता भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा बिम्सटेक सदस्य देशों के व्यापार, वाणिज्य, उद्योग व ऊर्जा क्षेत्र के कई मंत्री, उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी, नीति निर्माता, उद्यमी और उद्योग संघ भी कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह आयोजन आर्थिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने और व्यापार सुविधा, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, ऊर्जा सुरक्षा, समावेशी विकास व सतत विकास जैसे क्षेत्रों में मजबूती लाने के तरीकों का पता लगाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बैंकॉक पहुंचे। उनका भारतीय प्रवासियों ने ‘मोदी मोदी’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाकर गर्मजोशी से स्वागत किया।  प्रधानमंत्री मोदी छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड में हैं। वह 4 अप्रैल को क्षेत्रीय नेताओं के साथ सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे।

क्या है बिम्सटेक?

बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (बिम्सटेक) बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है। इसमें भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश और थाइलैंड शामिल हैं। इसका मकसद बंगाल की खाड़ी से लगे देशों में तीव्र आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने और साझा हितों के मुद्दों पर समन्वय स्थापित करने के लिए सकारात्मक वातावरण बनाना है। बैंकॉक डिक्लेरेशन, 1997 के तहत इसे स्थापित किया गया। 

पाकिस्तान ने भी इसमें शामिल होना चाहा था, लेकिन उसे अलग रखा गया है। शुरुआत में इसमें चार देश थे और इसका नाम बिसटेक यानी बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग संगठन था। 22 दिसंबर, 1997 में म्यांमार इसमें शामिल हो गया, तो इसका नाम बिम्सटेक हो गया था। 2004 में भूटान और नेपाल को इसमें शामिल किया गया।

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