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क्या है “ड्राई प्रमोशन” जिसने कर्मचारियों की बढ़ा दी है चिंता, कहीं आप भी नहीं तो हैं इसका शिकार, ऐसे करें बचाव

पिछले कुछ सालों में नौकरी की क्षेत्र में भी कई बदलाव देखे गए हैं जिसमें वर्क फ्रॉम होम और ऑफिस स्पेस साझा करने जैसे चीजे बहुत ही आम हो गई हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में कोरोना काल के बाद एक और चलन काफी आम होते जा रहा है जिसका शिकार कर्मचारी होते जा रहे हैं।

बाजार में “ड्राई प्रमोशन” नामक एक नया चलन देखने को मिला है जिसमें आपके काम में आपको प्रमोशन तो मिल रहा है लेकिन इसके बदले आपको पैसे नहीं मिल रहे हैं।

ऐसे में क्या है यह नया चलन और कंपनियां इस ट्रेंड को क्यों फॉलो कर रही है, आइए आज के इस लेख में इसे जानने की कोशिश करते हैं। यही नहीं इस नए ट्रेंड को कर्मचारी कैसे निपटे, यह भी जानने की कोशिश करते हैं।

अध्ययन में क्या हुआ है खुलासा

हाल में ही हुए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि कंपनियां अपने कर्मचारी पर अधिक वर्क लोड दे रही है और इसके बदले उनकी सैलेरी भी नहीं बढ़ाई जा रही है। कर्मचारी अपने पुराने वेतन पर ज्यादा काम करने के लिए मजबूर किए जा रहे हैं।

मुआवजा सलाहकार पर्ल मेयर की एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि 13 फीसदी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नया प्रमोशन दिया है और उनके वर्क लोड को बढ़ाया है लेकिन उनकी सैलेरी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में यह संख्या केवल आठ फीसदी ही थी।

वहीं एक दूसरे अध्ययन में लाभ-सलाहकार फर्म-मर्सर ने कुल 900 कंपनियों को लेकर एक सर्वेक्षण किया है और पाया है कि साल 2023 के मुकाबले इस साल कंपनियां अपनी सैलेरी बजट कम कर रही है और वेतन पर खर्चे करने के लिए काफी विचार कर रही है। बाजार में आए इस तरह के ट्रेंड को लेकर लोगों की अलग-अलग राय है।

लोगों की क्या है राय

कुछ लोगों का मानना है कि पहले के मुकाबले अब कर्मचारियों के पास उतना अधिकार नहीं है कि वे अधिक वेतन मांग कर सकें। आपको बता दें कि ऐसा अक्सर देखा गया है कि कठिन आर्थिक समय के दौरान कंपनियां इस तरह के कदम उठाती है ताकि वे ज्यादा से ज्यादा अपने खर्च को कम कर सके।

कर्मचारियों को क्या करना चाहिए

इससे पहले ऐसा देखा जाता था कंपनियां अच्छे कर्मचारियों को काम छोड़ने से रोकने के लिए उनकी सैलेरी बढ़ा देती थी। लेकिन अब यह ट्रेंड धीरे-धीरे कम होता जा रहा है और कंपनियां जूनियर कर्मचारियों को निकाल रही है और उनके काम को सीनियर कर्मचारियों को सौंप रही है। ऐसे में इस अतिरिक्त वर्क लोड के लिए सीनियर कर्मचारियों को वेतन में बढ़ोतरी भी नहीं की जा रही है।

जो कर्मचारी इससे पीड़ित हैं वे इस बारे में सोशल मीडिया पर अपनी राय रख रहे हैं। ऐसे में जानकारों का मानना है कि जिन कर्मचारियों का प्रमोशन हुआ है और उनके वेतन में इजाफा नहीं हुआ है वे किसी अन्य कंपनी में अपने नए प्रमोशन के हवाले से कोई नई नौकरी ढूंढ सकते हैं।

कुछ और जानकारों का यह भी कहना है कि पीड़ित कर्मचारियों को सैलेरी में बढ़ोतरी के बजाय उन्हें लचीले काम काज के घंटे, अधिक छुट्टियां और अन्य लाभ भी कंपनी से मांग करनी चाहिए।

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