Friday, October 10, 2025
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बजट सत्र में महाकुंभ को लेकर क्या बोले सीएम योगी?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बजट सत्र के पांचवें दिन महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को महाकुंभ का दुष्प्रचार करने पर आड़े हाथों लिया।  

सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष ने महाकुंभ में एक जाति विशेष को वहां जाने से रोकने की बात कही, किसी जाति को रोका नहीं गया था। हमने कहा था कि महाकुंभ में जो सद्भावना से जाएगा, उसका स्वागत है।

वह सम्मान से महाकुंभ में आ सकते हैं, लेकिन जो सद्भावना से नहीं दुर्भावना से जाएगा तो उसकी दुर्गति भी होगी। महाकुंभ में अगर किसी ने अव्यवस्था पैदा करने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। सरकार ने विपक्ष की तरह आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया।

दुनिया में नहीं होता महाकुंभ जैसा आयोजन

सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ आयोजन सनातन धर्मलंबियों का था, लेकिन खुशी उनको भी हो रही थी क्योंकि ऐसा आयोजन पहली बार हुआ और दुनिया में ऐसा आयोजन कहीं नहीं होता है। महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एक साथ एक मंच पर आकर अपने अनुसार आयोजन को आगे बढ़ाने में लगातार योगदान दे रहे हैं। यह हमारे लिए गौरव का विषय होना चाहिए।

गत वर्ष अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हुआ। उसको भी पूरी दुनिया ने देखा। पूरी दुनिया अयोध्या के प्रति ललायित थी। इस वर्ष महाकुंभ के आयोजन के साथ हमें जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। महाकुंभ के साथ-साथ अयोध्या और काशी को नजदीक से देखने का अवसर आमजन को प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह दो महा आयोजन अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला का विराजमान होना और महाकुंभ का आयोजन, इन दोनों ने ही ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को दर्शाया है। यह प्रधानमंत्री के विजन में मील का पत्थर साबित होगा। यह भारत की आध्यात्मिक परंपरा और आर्थिकी के लिए महत्वपूर्ण आयोजन होने जा रहे हैं।

मेरा मानना है कि पूरे आयोजन के प्रति लोगों के मन में जो भाव आया है, वह भाव राष्ट्रीय एकता को मजबूती प्रदान करने वाला भाव है। महाकुंभ में भेदभाव की बात कहने वालों ने भी देखा होगा कि पूरे महाकुंभ में बिना किसी भेदभाव के सभी एक साथ एक घाट पर स्नान कर रहे हैं। इससे बड़ी एकात्मता और एकता का संदेश नहीं हो सकता है। यही सच्चा सनातन धर्म भी है।

विपक्ष को दिया करारा जवाब

मुख्यमंत्री योगी ने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा कि हमने समाजवादी पार्टी की तरह आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया। उनके समय में मुख्यमंत्री को फुर्सत नहीं थी कि वे उस आयोजन को देख सकें, उसकी समीक्षा कर सकें। यही वजह है कि उन्होंने एक नॉन सनातनी को महाकुंभ का प्रभारी बनाया था, लेकिन यहां मैं स्वयं इसकी समीक्षा लगातार कर रहा था और लगातार कर रहा हूं।

यही वजह है कि 2013 के कुंभ में जो भी गया, उसे अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और प्रदूषण देखने को मिला। मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान करने लायक पानी नहीं था। मॉरीशस के प्रधानमंत्री उसके उदाहरण हैं, जिन्होंने स्नान करने से ही इनकार कर दिया था।

इस बार देश और दुनिया का कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था, जो महाकुंभ में शामिल न हुआ हो और लगातार आ रहे हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, भूटान के नरेश समेत दुनिया के तमाम देशों से जुड़े 74 देशों के हेड ऑफ कमिशन भी महाकुंभ में शामिल हुए।

सीएम योगी ने कहा कि सभी ने आयोजन में भागीदार बनकर महाकुंभ को सफल बनाया। पहली बार उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम से लोग आयोजन का हिस्सा बने। इस आयोजन में 74 देशों के राजनायिक और कई देशों के मंत्री शामिल हुए। क्या यह वैश्विक आयोजन नहीं है।

यही वैश्विक आयोजन है, जिसे दुनिया ने देखा है और अभिभूत होकर जा रहे हैं। आपने अमृत स्नान के दिन विभिन्न मीडिया चैनल द्वारा लाइव प्रसारण देखा होगा। उसमें विदेशी, पर्यटकों ने महाकुंभ को साक्षात देखने का अनुभव किया। उनकी बातों को भी सुना होगा, वह कितने प्रफुलित थे।

सीएम ने कहा कि सोशल मीडिया हैंडल पर एक सज्जन ने महाकुंभ का विरोध करने वालों पर बहुत ही सटीक टिप्पणी की। उन्होंने लिखा कि पिछले डेढ़ महीने में आप वामपंथियों और समाजवादियों की वॉल खंगाल लीजिए, वहां महाकुंभ को लेकर विषवमन के अलावा कुछ नहीं दिखेगा।

उनकी वॉल पर गंदगी, अव्यवस्था, पर्यटकों की परेशानी के अलावा दूसरा कुछ भी नहीं मिलेगा, लेकिन इन सभी से इतर धरातल पर इनकी बजबजाती विचारधारा का कोई असर नहीं है। हज के दौरान अव्यवस्था से होने वाली सैकड़ों मौतें किसी से छुपी नहीं हैं।

 

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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