कोलकाताः पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल परिसर में मेडिकल छात्रा से गैंगरेप के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरफ्तारी उसी अस्पताल परिसर से जुड़ी है जहां वारदात हुई थी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अभी उजागर नहीं की गई है। अधिकारियों ने बताया कि फरार दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।
यह घटना कोलकाता से लगभग 170 किलोमीटर दूर दुर्गापुर के शोभपुर के पास एक निजी मेडिकल कॉलेज परिसर में हुई। पीड़िता एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा है और वह ओडिशा के जालेश्वर की रहने वाली है।
शनिवार देर शाम आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट जारी कर लोगों से अफवाहों से दूर रहने की अपील की।
पुलिस ने लिखा, “कल (शुक्रवार) देर रात दुर्गापुर के एक मेडिकल संस्थान की छात्रा के साथ कैंपस से बाहर जंगल के पास यौन उत्पीड़न की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। मामले की जांच जारी है और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर फैल रही अपुष्ट खबरों और अफवाहों से दूर रहें। महिलाओं के खिलाफ अपराध पर हमारी ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पूरी तरह लागू है।”
इस पोस्ट को कोट करते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस ने लिखा, “पीड़िता का दर्द हमारा भी है, चाहे वह ओडिशा की बेटी हो या बंगाल की। अपराधियों को न्याय के कटघरे तक लाने में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। पीड़िता का इलाज चल रहा है और उसके परिवार को हर संभव सहायता दी जा रही है। हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि किसी भी अपुष्ट या भ्रामक खबर को साझा न करें।”
पीड़िता के मात-पिता ने पुलिस को क्या बताया?
छात्रा के माता-पिता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि 10 अक्टूबर की रात कॉलेज का ही एक छात्र अपने दोस्तों के साथ उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर कैंपस के पास एक सुनसान जगह पर ले गया, जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। आरोप है कि वारदात के बाद अभियुक्त छात्रा का मोबाइल फोन और नकदी लेकर फरार हो गए।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, छात्रा शुक्रवार रात करीब आठ बजे अपने एक परिचित के साथ कुछ खाने के लिए कॉलेज परिसर से बाहर निकली थी। इसी दौरान कुछ युवकों ने उनके साथ छेड़छाड़ की, पैसे और मोबाइल छीने, और बाद में युवक को धमकाकर भगा दिया। इसके बाद पास के जंगल में छात्रा के साथ कथित रूप से गैंगरेप किया गया।
घटना के बाद छात्रा को गंभीर अवस्था में दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत फिलहाल स्थिर नहीं है। पुलिस ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही पुष्टि हो सकेगी कि छात्रा के साथ बलात्कार हुआ या नहीं। छात्रा के माता-पिता ने कहा है कि हमारी बेटी यहां सुरक्षित नहीं है। दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों और छात्रा के साथ गए पुरुष मित्र सहित कई लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस कैंपस में लगे सीसीटीवी फुटेज और सुरक्षा व्यवस्था की भी जांच कर रही है।
इस मामले की तुलना 2024 में हुए आरजी कर मेडिकल कॉलेज त्रासदी से की जा रही है, जहाँ एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
टीएमसी ने बीजेपी पर पलटवार किया, विपक्ष ने ममता सरकार को घेरा
इस घटना के बाद राज्य की राजनीति गर्मा गई है। घटना के बाद जहां भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर निशाना साधा, वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा दूसरों पर सवाल उठाने से पहले अपने शासन वाले राज्यों की घटनाओं पर जवाब दे।
टीएमसी की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री शशि पांजा ने कहा कि, “ओडिशा में हाल ही में भाजपा शासित सरकार के दौरान एक महिला छात्रा से बलात्कार हुआ और उसने खुद को आग लगा ली। इसलिए किसी एक राज्य की घटना पर राजनीतिक हमला करना अनुचित है। ऐसे अपराध कहीं भी हों, वे निंदनीय हैं।”
पांजा ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने मामले की सूचना मिलते ही जांच शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा कि पीड़िता के माता-पिता ओडिशा से दुर्गापुर पहुंच चुके हैं और उन्होंने पुलिस जांच पर भरोसा जताया है। पांजा ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह महिलाओं के खिलाफ अपराध को राजनीतिक हथियार बना रही है।
वहीं, भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि राज्य में महिला डॉक्टरों के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “चाहे पिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की हत्या का मामला हो या अब दुर्गापुर की घटना, पश्चिम बंगाल में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। अपराधियों को सत्तारूढ़ दल के नेताओं का संरक्षण प्राप्त है।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता सुभेंदु अधिकारी ने भी ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। पुलिस का काम अब सिर्फ रिश्वत लेना, तृणमूल के लिए वोट जुटाना और भाजपा कार्यकर्ताओं पर झूठे केस दर्ज करना रह गया है।”
अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और बलात्कारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि राज्य में अवैध घुसपैठ के कारण जनसांख्यिकीय संतुलन बदल रहा है।
इधर, शनिवार पश्चिम बंगाल महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने पीड़िता से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि छात्रा की हालत स्थिर है, लेकिन उसे भारी रक्तस्राव हुआ है और वह मानसिक रूप से बेहद आघात में है। मजूमदार ने कहा, “लड़की की मानसिक स्थिति ऐसी है कि उससे बातचीत करना मुश्किल है। उसे तत्काल चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता है।”