ED Raid: पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कोलकाता और दो अन्य जिलों में 22 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई अवैध रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई। अधिकारियों ने कहा कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य उन लोगों का पता लगाना है जो अवैध रेत खनन गिरोह चला रहे थे और इस धंधे से कमाए गए पैसों को अलग-अलग कंपनियों में लगा रहे थे।
ईडी के अधिकारियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की मदद से सुबह 6 बजे से ही यह तलाशी अभियान शुरू कर दिया था। ये टीमें झारग्राम, गोपीबल्लभपुर (पश्चिम मेदिनीपुर), उत्तर 24 परगना, कल्याणी (नदिया) और कोलकाता के कई इलाकों में जाँच कर रही हैं।
कोलकाता और झारग्राम में छापेमारी
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कोलकाता के दो ठिकानों पर ईडी की टीमें देखी गईं। एक बेहाला में जेम्स लॉन्ग सरणी पर और दूसरा रीजेंट पार्क कॉलोनी में। बेहाला में, अधिकारियों ने एक रेत खनन कारोबारी के घर और दफ्तर की तलाशी शुरू की।
वहीं, रीजेंट पार्क कॉलोनी में एक सरकारी बीमा कंपनी के एजेंट संजीव बॉयड के फ्लैट में भी छापेमारी की गई। सूत्रों के मुताबिक, ईडी की टीम उनसे अवैध रेत खनन से कमाए गए पैसों के निवेश को लेकर पूछताछ कर रही है।
उधर, झारग्राम में भी ईडी की टीम ने गोपीबल्लभपुर के रहने वाले कारोबारी शेख जहिरुल अली के तीन मंजिला घर पर छापा मारा। यह घर सुवर्णरेखा नदी के किनारे स्थित है और लंबे समय से अवैध रेत खनन से जुड़ा हुआ माना जाता है। पूरे इलाके को केंद्रीय बलों ने घेर रखा है। एक अधिकारी ने बताया कि जाहिरुल के घर, दफ्तर और गाड़ियों की तलाशी चल रही है।
गौरतलब बात है कि जहिरुल पहले एक गाँव में पुलिस अधिकारी के तौर पर काम करता था। बाद में उसने नौकरी छोड़कर रेत के कारोबार में कदम रखा और कई खदानों का मालिक बन गया। ईडी के अधिकारी एक साथ झारग्राम जिले के बेलियाबेरिया और जंबोनी ब्लॉक में अन्य रेत खदान मालिकों की संपत्तियों और दफ्तरों पर भी छापेमारी कर रहे हैं।
जांच में मिले नए सबूत
सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों की जांच में ईडी को बड़े पैमाने पर बेनामी निवेश और हवाला के जरिए पैसों के लेनदेन के सबूत मिले हैं। इन सबूतों के आधार पर ही यह छापेमारी की जा रही है।
ईडी का कहना है कि यह ऑपरेशन अवैध रेत कारोबार से जुड़े वित्तीय नेटवर्क का पर्दाफाश करने पर केंद्रित है। उन्हें संदेह है कि इस गोरखधंधे से कमाया गया भारी मात्रा में पैसा विभिन्न बीमा कंपनियों और दूसरे व्यापारिक उपक्रमों में लगाया गया है।
ईडी के अधिकारी इस मामले से जुड़े प्रमुख लोगों के व्यापारिक और वित्तीय दस्तावेजों की भी गहनता से जांच कर रहे हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवंबर 2024 में बंगाल पुलिस के कुछ निचले स्तर के अधिकारियों पर भ्रष्ट होने और कोयला तथा रेत की तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। इस दौरान उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कुछ निचले स्तर के अधिकारी, जिन्हें यह सरकार पसंद नहीं है, जिनमें कुछ पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं, पैसे लेकर रेत, कोयला, सीमेंट और पत्थरों की चोरी होने दे रहे हैं…।
उन्होंने सवाल किया था कि भूमि विभाग हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठा है? वे चुप क्यों हैं? मैंने उन्हें पहले ही रेत और पत्थर खनन के लिए निविदाएँ आमंत्रित करने के लिए कहा था। कोयले के मामले में, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) पैसे लेकर चोरी होने दे रहा है।