Friday, October 10, 2025
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मुर्शिदाबाद में जारी हिंसक तनाव के बीच तैनात की गईं BSF की पांच अतिरिक्त टुकड़ियां

कोलकाताः पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ अधिनियम को लेकर जारी तनाव में तीन लोगों की मौत हो गई। ऐसे में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की पांच अन्य टुकड़ियों की तैनाती की गई है। 

इससे पहले चार टुकड़ियां तैनात की गईं थीं। इस बीच भाजपा ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है। राज्य में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखकर बताया कि आंदोलन के बीच हुई हिंसा में 400 से अधिक हिंदुओं को घर छोड़कर भागना पड़ा। इससे साथ ही अधिकारी ने ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया।

पांच अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती

इंडियन एक्सप्रेस ने बीएसएफ के उप महानिरीक्षक नीलोत्पल कुमार पांडे के हवाले से लिखा “कल से चार कंपनियां तैनात की गईं हैं। हिंसा को रोकने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आज पांच अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। हम अपने संसाधनों को उस क्षेत्र में ले जा रहे हैं जहां हमें अशांति की सूचना मिल रही है।”

इंडियन एक्सप्रेस को नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भीड़ इतनी हिंसक थी कि हमें स्थिति को नियंत्रित करने के लिए घोस्पारा इलाके में गोली चलानी पड़ी। अधिकारी ने आगे बताया कि हमारे वाहनों में आग लगा दी गई, तोड़फोड़ की गई और झड़पों में जवानों को मामूली चोटें भी आई हैं।

उनके मुताबिक, सूती और समशेरगंज में स्थिति और भी गंभीर हो गई है। अधिकारी ने आगे बताया कि “बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि आज भी सम्शेरगंज के महादेवपुर की ओर भारी भीड़ आ रही थी। इसके आधार पर बीएसएफ की एक बड़ी टुकड़ी क्षेत्र में पहुंच गई है।”

बीएसएफ को बनाया निशाना

अधिकारियों ने बताया कि बहुत से इलाकों में बीएसएफ के जवानों को “प्रत्यक्ष रूप से निशाना” बनाया गया जबकि पुलिस की पहुंच अपेक्षाकृत आसान थी। वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर जारी आंदोलन के बीच जिले में हिंसक तनाव बढ़ गया जिसमें तीन लोग मारे गए और अब तक 150 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 

मामला बढ़ता देख कलकत्ता हाई कोर्ट को भी दखल देना पड़ा। हाई कोर्ट ने शनिवार को मुर्शिदाबाद और अन्य संवेदनशील इलाकों में सीआरपीएफ की तैनाती के निर्देश दिए थे। अदालत ने निर्देश देते हुए कहा था कि सामने आई विभिन्न रिपोर्टों को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते। ये रिपोर्ट पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में बर्बरता दिखाती हैं।   

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