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केरलः 400 एकड़ जमीन पर वक्फ के दावे को केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने बताया क्रूरता

तिरुवनंतपुरमः केरल के मुनाम्बम इलाके में 400 एकड़ भूमि को लेकर विवाद ने राज्य के उपचुनावों के दौरान राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने शनिवार को कहा कि संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया जाएगा।

वायनाड में भाजपा के चुनाव प्रचार में बोलते हुए, उन्होंने वक्फ बोर्ड के भूमि दावे को “किरातम” (क्रूरता) बताते हुए कहा कि इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे। यह विवाद उस भूमि पर है जिस पर मुनाम्बम में लगभग 600 परिवार, जिनमें अधिकांश ईसाई हैं और वे सालों से निवास कर रहे हैं।

ईसाई समुदाय के निवासियों का विरोध

मुनाम्बम में वक्फ बोर्ड द्वारा 400 एकड़ भूमि के दावे से वहां के लगभग 600 निवासियों में चिंता व्याप्त है, जिनमें से अधिकांश ईसाई हैं। वे इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने यह भूमि 30 साल पहले फरूक कॉलेज से कानूनी रूप से खरीदी थी। भाजपा ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाते हुए इसे राज्य की ईसाई और हिंदू समुदायों के साथ अपनी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बना लिया है।

कल को सबरीमाला और वैलंकनी पर भी दावे करेंगे

भाजपा के राज्य अध्यक्ष बी गोपालकृष्णन ने भी इसे लेकर गहरी चिंता जताई और कहा कि अगर वक्फ के दावों को रोका नहीं गया, तो सबरीमाला और वैलंकनी जैसे हिंदू और ईसाई धार्मिक स्थलों पर भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। वेलंकन्नी ईसाई मंदिर (तमिलनाडु में) ईसाइयों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “अगर वक्फ बोर्ड इसी प्रकार धार्मिक स्थलों पर दावे करता रहा, तो जल्द ही ये स्थल उनके अधीन हो सकते हैं। इसीलिए, हमें इस बिल की आवश्यकता है।”

भूमि के मालिकाना हक के दस्तावेज 1989 से मौजूद

इस मुद्दे को केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (KCBC) और सायरो-मलबार पब्लिक अफेयर्स कमीशन (SMPAC) ने लोकसभा सचिवालय के समक्ष उठाया है। इन संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है और संसद से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

मुनाम्बम के निवासियों ने कहा कि वे तीन दशकों से उस भूमि के वैध मालिक हैं और उनके पास 1989 से दस्तावेज मौजूद हैं। निवासियों ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने 2019 में इसे वक्फ घोषित करने का दावा किया था जबकि वक्फ अधिनियम के अनुसार ऐसा दावा तीन साल के भीतर किया जाना चाहिए था। केसीबीसी और एसएमपीएसी ने संसद की संयुक्त समिति से इसे गंभीरता से हल करने की अपील की है और यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि भारतीय नागरिकों की भूमि पर ऐसे अवैध दावे भविष्य में न हों।

वक्फ बिल के खिलाफ केरल विधानसभा में प्रस्ताव 

केरल विधानसभा द्वारा हाल ही में केंद्र के वक्फ बिल के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया था। राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने उपचुनावों के बाद इस मुद्दे पर बैठक बुलाने की बात की है और कहा है कि उनकी सरकार मुनाम्बम के निवासियों के साथ है। उन्होंने चेतावनी दी कि विरोधियों को इस मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास नहीं करना चाहिए और कहा कि “मुनाम्बम के लोगों को गुमराह करने का प्रयास सफल नहीं होगा।”

विपक्षी पार्टी के साथ समर्थन जुटाने की भाजपा की योजना

यह मुद्दा तब सामने आया है जब केरल में तीन सीटों, वायनाड लोकसभा और चेलक्करा तथा पलक्कड़ विधानसभा सीटों के उपचुनाव होने वाले हैं। वायनाड और चेलाक्कारा के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा, जबकि पलक्कड़ में 20 नवंबर को मतदान होगा। वायनाड और अन्य क्षेत्रों में बढ़ते समर्थन के बीच, भाजपा ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा बनाते हुए इसे अन्य क्षेत्रों में चुनावी रणनीति का हिस्सा बना लिया है।

गौरतलब है कि केरल से पहले कर्नाटक में भी वक्फ बोर्ड ने करीब 1500 एकड़ जमीन पर दावा किया था, जो किसानों के पास थी। इस मुद्दे ने कर्नाटक की राजनीति में काफी विवाद पैदा किया और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चालू हो गया। ये मामले तब और चर्चा में आए हैं जब केंद्र सरकार ने संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया है, जिस पर फिलहाल संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में चर्चा चल रही है।

 

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