Friday, August 22, 2025
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पुतिन के बॉडीगार्ड डोनाल्ड ट्रंप के साथ अलास्का समिट के लिए ‘पॉटी सूटकेस’ भी लेकर पहुंचे थे? क्या है वजह

नई दिल्ली: आमतौर पर दुनिया के दो ताकतवर देशों के राष्ट्राध्यक्ष मिलते हैं तो कई अहम मसलों पर बातचीत होती है। साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होते हैं। पूरी दुनिया के कैमरों की नजर इन मुलाकात पर होती है। खासकर रूस और अमेरिका के राष्ट्रपति के सुरक्षा के इंतजाम ऐसे भी चर्चा में बने रहते हैं। अलास्का में पिछले हफ्ते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुलाकात के दौरान भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। इन मुलाकात के बीच एक और चीज चर्चा में आ गई है। वो है पुतिन के एक बॉडीगार्ड द्वारा लेकर चला जाने वाला सूटकेस। इसे ‘पूप सूटकेस’ या पॉटी सूटकेस बताया जा रहा है।

अक्सर राष्ट्राध्यक्षों के साथ उनके बॉडीगार्ड और अहम लोग कुछ सूटकेस लेकर साथ चलते हैं। यह दृश्य आम होता है। इसमें जरूरी दस्तावेज और सुरक्षा मुहैया कराने के लिए हथियार वगैरह होते हैं। लेकिन पुतिन के साथ एक और चीज जुड़ी होती है। वो है- ‘पूप सूटकेस’। इसमें पुतिन के मल-मूत्र रखे जाते हैं और इसे मॉस्को भेज दिया जाता है।

विदेश दौरों पर सूटकेस में क्यों रखा जाता है पुतिन का मल-मूत्र?

‘एक्सप्रेस यूएस’ की एक रिपोर्ट के अनुसार रूसी राष्ट्रपति पुतिन के विदेशी दौरे की यह भी एक सच्चाई है। अपने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप के साथ अलास्का शिखर सम्मेलन के दौरान, पुतिन के अंगरक्षक कथित तौर पर ऐसा ही एक सूटकेस लेकर गए थे, जो उनके कड़े सुरक्षा प्रबंधों की पहचान बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार इसका उद्देश्य नेता की गोपनीयता की रक्षा करना और विदेशी ताकतों को उनके मल के नमूनों के आधार पर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल करने से रोकना है।

विदेश यात्राओं के दौरान पुतिन के शरीर के मल को इकट्ठा करने और वापस रूस ले जाने की इस प्रैक्टिस को कथित तौर कई वर्षों से निभाया जा रहा है। फ्रांसीसी प्रकाशन ‘पेरिस मैच’ के लिए लिखने वाले खोजी पत्रकारों ने खुलासा किया था कि रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (FSO) के सदस्यों को राष्ट्रपति के मल और मूत्र को विशेष पैकेटों में इकट्ठा करने का काम सौंपा गया है। फिर इन सामग्रियों को एक विशेष ब्रीफकेस में रखकर मास्को वापस भेज दिया जाता है। पुतिन की 2017 में फ्रांस और 2019 में सऊदी अरब यात्राओं के दौरान भी कथित तौर पर ऐसे उपाय लागू किए गए थे।

डीआईए की पूर्व खुफिया अधिकारी रेबेका कॉफलर ने फॉक्स न्यूज को बताया कि पुतिन को डर है कि विदेशी खुफिया सेवाएँ उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए उनके जैविक अपशिष्ट का विश्लेषण कर सकती हैं।

पुतिन के स्वास्थ्य को लेकर उड़ती रही हैं अफवाहें

वैसे बता दें कि 72 साल के पुतिन के स्वास्थ्य के बारे में मीडिया में कई तरह की खबरें पहले भी आती रही हैं, जिससे अफवाहों का बाजार गर्म हो जाता है। पिछले नवंबर में कजाकिस्तान के अस्ताना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूसी राष्ट्रपति के पैरों में कथित तौर पर झटके आने जैसी खबरें आई थी। चिकित्सा विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि यह पार्किंसंस रोग जैसे किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। इससे पहले, 2023 में, पुतिन को बेलारूसी राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक बैठक के दौरान बैठे हुए भी पैरों को मरोड़ते हुए देखा गया था।

रिपोर्ट के अनुसार अलास्का शिखर सम्मेलन के दौरान, हालाँकि सूटकेस को गुप्त रूप से रखा गया था। लेकिन इसके शामिल होने की सूचना ने इस बात को उजागर किया है कि पुतिन का सुरक्षा तंत्र उनकी गोपनीयता बनाए रखने के लिए किस हद तक जाता है।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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