Friday, October 10, 2025
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विनेश फोगाट की ओलंपिक में ऐतिहासिक उपलब्धि पर कांग्रेस ताल क्यों ठोक रही है?

नई दिल्ली: हरियाणा की 29 साल की महिला पहलवान विनेश फोगाट ने फ्रांस के पेरिस में जारी ओलंपिक खेलों में भारत के लिए इतिहास रच दिया है। एक दिन में तीन-तीन दिग्गज पहलवानों को पटखनी देकर फोगाट पेरिस ओलंपिक के महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में पहुंच गईं। इसी के साथ भारत का एक पदक पक्का हो गया। वे ओलंपिक खेलों के इतिहास में फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं।

विनेश ने पहले प्री-कॉर्टर फाइनल में दुनिया की नंबर एक जापान की युई सुसाकी को हराकर सभी को स्तब्ध कर दिया। इसके बाद अंतिम आठ चरण में उन्होंने यूक्रेन की ओक्साना को मात दी और सेमीफाइनल में पहुंचीं। सिलसिला यहीं नहीं रूका और मंगलवार रात उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की पहलवान को हराते हुए फाइनल में जगह पक्की की। यह सबकुछ एक दिन में हुआ। इस जीत ने जहां भारतीयों के लिए खुशी मनाने का एक और मौका दिया है, वहीं राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है।

जीत विनेश फोगाट की…निशाने पर कौन?

विनेश फोगाट की जीत के बाद लोक सभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘एक ही दिन में दुनिया की तीन धुरंधर पहलवानों को हराने के बाद आज विनेश के साथ-साथ पूरा देश भावुक है। जिन्होंने भी विनेश और उसके साथियों के संघर्ष को झुठलाया, उनकी नीयत और काबिलियत तक पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए, उन सभी को जवाब मिल चुका है। आज भारत की बहादुर बेटी के सामने सत्ता का वो पूरा तंत्र धराशाई पड़ा था जिसने उसे खून के आंसू रुलाए थे। चैम्पियंस की यही पहचान है, वो अपना जवाब मैदान से देते हैं। बहुत शुभकामनाएं विनेश। पेरिस में आपकी सफलता की गूंज, दिल्ली तक साफ सुनाई दे रही है।’

ऐसे ही कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर सवाल उठाया कि क्या पीएम नरेंद्र मोदी फोन कर विनेश फोगाट को बधाई देंगे। उन्होंने लिखा, विनेश फोगाट का पेरिस ओलंपिक में सिल्वर या गोल्ड मेडल पक्का है। क्या नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री उन्हें कॉल करेंगे? निश्चित रूप से उन्हें बधाई देने के लिए, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि उस शर्मानाक घटना के लिए माफ़ी मांगने के लिए जब महिला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने उनके साथ घिनौना व्यवहार किया था?’

प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया, ‘शाबाश विनेश फोगाट, मैं जानती हूं कि आपके लिए यह सिर्फ ओ​लंपिक का कठिन मुकाबला भर नहीं है। आपने दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी को तो हराया ही, यह मैदान के भीतर और बाहर आपके संघर्षों की भी जीत है। आज पूरी दुनिया आपके हाथों में लहराता हुआ तिरंगा देख रही है। आप इस देश का गौरव हैं और हमेशा रहेंगी। खूब शुभकामनाएं। जय हो! विजय हो!’

विनेश फोगाट जब उतरी थीं सड़क पर

बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक के साथ मिलकर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पिछले साल विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व विनेश फोगाट भी कर रही थीं। उस समय विनेश फोगाट आलोचनाओं के केंद्र में भी थीं। खासकर नेटिजन्स के एक वर्ग से उन्हें खूब ऑनलाइन दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा था।

इस लिहाज से पेरिस ओलंपिक खेलों से पहले का समय विनेश के लिए काफी कठिन था। उनके हर कदम पर सवाल उठ रहे थे और विवाद भी हो रहा था। युवा महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के लिए बृज भूषण शरण सिंह के विरोध में पहलवानों का समर्थन करने के दौरान विनेश फोगाट को लेकर ये भी कहा जाने लगा था कि उनका खेल करियर अब खत्म हो गया है।

विनेश दो अन्य ओलंपियन बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित कई युवा पहलवानों के साथ नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर बृज भूषण के खिलाफ महीनों तक विरोध प्रदर्शन में बैठी थीं। दिल्ली पुलिस ने उस दौरान उन्हें बलपूर्वक हटा दिया और हिरासत में ले लिया। विनेश के साथ-साथ साक्षी और बजरंग पुनिया को भी हटाया गया था और सड़कों पर पुलिस और पहलवानों की धक्का-मुक्की की तस्वीरें पूरी दुनिया ने देखी थी। यहां तक ​​​​कि इन पहलवानों विरोध के तौर पर उन्हें सरकार से मिले पुरस्कार भी लौटा दिए थे।

मुश्किल परिस्थिति में तैयारी और ट्रायल

मुश्किल परिस्थितियों में तैयारियों की कमी के बावजूद विनेश एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के लिए ट्रायल में सफल हुईं और एक दिन के भीतर दो वजन श्रेणियों में भाग लिया। विनेश 53 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में अंजू से हार गईं लेकिन 50 किग्रा भार वर्ग में चैंपियन बनकर उभरीं। उन्होंने ओलंपिक क्वालीफायर के माध्यम से पेरिस के लिए क्वालीफाई किया था।

वैसे दो बार की विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता को पिछले ओलंपिक में असफलताओं का भी सामना करना पड़ा था। विनेश 2016 के रियो ओलंपिक में तब सुर्खियों में आईं जब वह महिलाओं के 48 किग्रा क्वार्टर फाइनल में चीन की सुन यानान से आगे चल रही थीं, लेकिन उनके घुटने में गंभीर चोट के कारण उन्हें मुकाबला छोड़ना पड़ा।

विनेश बाद में चोट से उबरीं और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीते। 2021 में हुआ टोक्यो ओलंपिक उनके लिए अच्छा नहीं रहा और वे जल्दी बाहर हो गईं। टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं के 53 किग्रा में भाग लेते हुए विनेश फोगाट क्वार्टर फाइनल में वेनेसा कलादजिंस्काया से हार गईं।

टोक्यो ओलंपिक के बाद विवादों में घिरीं

टोक्यो ओलंपिक के तत्काल बाद विनेश को डब्ल्यूएफआई द्वारा अनुशासनहीनता के लिए निलंबित कर दिया गया था क्योंकि आरोप लगे कि उन्होंने ओलंपिक गांव में अपने भारतीय साथियों के साथ प्रशिक्षण लेने से इनकार कर दिया था और ओलंपिक में आधिकारिक भारतीय किट नहीं पहनी थी। फोगाट ने डब्ल्यूएफआई से माफी मांगी और उन्हें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए चुना गया, लेकिन जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट के साथ उनका अनुबंध समाप्त हो गया क्योंकि डब्ल्यूएफआई ने पहलवानों द्वारा हस्ताक्षरित सभी निजी सौदों पर प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए उनकी तैयारियों पर असर पड़ा।

बाद में कोहनी की सर्जरी के कारण उनकी निराशा और बढ़ गई, जिसने उन्हें एक महत्वपूर्ण अवधि के लिए प्रतिस्पर्धा से दूर कर दिया। हालाँकि, विनेश फिर से फोकस में आ गईं जब उन्होंने बेलग्रेड में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक और बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता।

एक दशक से अधिक के करियर में, विनेश ने देश के लिए कई पदक और खिताब जीते हैं, जिनमें 2019 और 2022 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक, लगातार तीन राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक, इंचियोन में 2014 एशियाई खेलों में कांस्य और चार साल बाद जकार्ता में स्वर्ण पदक शामिल हैं। विनेश ने एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीते।

(समाचार एजेंसी IANS इनपुट के साथ)

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