Friday, October 10, 2025
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सात बार विधायक रहे और बनारस के ‘दादा’ नाम से मशहूर श्यामदेव राय चौधरी का निधन

नई दिल्ली: वाराणसी में शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से सात बार से भाजपा विधायक श्याम देव राय चौधरी दादा का मंगलवार को निधन हो गया। ओरियाना अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वे काफी दिनों से अस्वस्थ थे। बीते मंगलवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हालचाल जाना था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के वाराणसी की राजनीति के ‘दादा’ उपनाम से प्रसिद्ध भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता श्यामदेव राय चौधरी के निधन पर शोक जताया है। पीएम मोदी ने कहा कि श्यामदेव राय चौधरी ने ना केवल संगठन को सींचने और संवारने में अहम योगदान दिया था, बल्कि काशी के विकास के लिए भी वे पूरे समर्पण भाव से जुटे रहे।

पीएम मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”जनसेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता श्यामदेव राय चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। स्नेह भाव से हम सभी उन्हें ‘दादा’ कहते थे। उन्होंने ना केवल संगठन को सींचने और संवारने में अहम योगदान दिया, बल्कि काशी के विकास के लिए भी वे पूरे समर्पण भाव से जुटे रहे।”

उन्होंने आगे लिखा, ”उनका जाना काशी के साथ-साथ पूरे राजनीतिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों और समर्थकों को संबल प्रदान करे। ओम शांति!”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्यामदेव राय चौधरी के निधन पर दुख जताया। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ”वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व विधायक श्री श्यामदेव राय चौधरी जी (दादा) का निधन अत्यंत दुःखद और भाजपा परिवार की अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”

वाराणसी दक्षिण सीट से सात बार रहे विधायक

वाराणसी दक्षिण सीट से 7 बार के विधायक रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता श्यामदेव लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 85 साल की आयु में उन्होंने आखिरी सांस ली।

बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई नेताओं ने श्याम देव राय चौधरी से अस्पताल में मुलाकात की थी। कुछ समय के लिए मंत्री रहे ‘दादा’ जनता में काफी लोकप्रिय थे और भाजपा के काशी क्षेत्र के बड़े चेहरे के रूप में उनकी पहचान थी। 2017 में उनकी उम्र को देखते हुए पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। इसके पहले उन्होंने वाराणसी दक्षिण सीट से लगातार सात बार जीत हासिल की थी।

(यह कहानी आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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