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ललित मोदी की फिर बढ़ी मुश्किलें, वानुआतु सरकार ने पासपोर्ट रद्द करने का आदेश दिया

नई दिल्ली: आईपीएल के संस्थापक ललित मोदी के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। वानुआतु सरकार ने उन्हें जारी किए गए पासपोर्ट को रद्द करने का फैसला किया है। वानआतु की सरकार का कहना है कि प्रत्यर्पण से बचने के प्रयास दक्षिण प्रशांत महासागर के इस देश में नागरिकता पाने के लिए वैध कारण नहीं हैं।

अरबपति भगोड़े ललित मोदी कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए भारत में वॉन्टेड हैं। इससे पहले ललित मोदी ने लंदन में भारतीय उच्चायोग में अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन किया था।

बहरहाल, वानुआतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने सोमवार को अपने देश के नागरिकता आयोग को पूर्व आईपीएल अध्यक्ष ललित मोदी को जारी वानुआतु पासपोर्ट रद्द करने का निर्देश दिया। 

नापत ने एक बयान में कहा, ‘मैंने नागरिकता आयोग को मोदी के वानुआतु पासपोर्ट को रद्द करने की कार्यवाही तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया है। मुझे पिछले 24 घंटों में पता चला है कि इंटरपोल ने दो बार भारतीय अधिकारियों के मोदी पर अलर्ट नोटिस जारी करने के अनुरोध को ठोस सबूत की कमी के कारण खारिज कर दिया है। ऐसा कोई भी अलर्ट मोदी के नागरिकता आवेदन को स्वतः ही खारिज कर देता है।’

पिछले ही हफ्ते मिली थी नागरिकता

इससे पहले पिछले हफ्ते खबर आई थी कि ललित मोदी को वानुआतु की नागरिकता मिल गई है। उनके कानूनी सलाहकार मेहबूब अबदी ने इस खबर की पुष्टि भी की थी। मेहबूब अबदी ने बताया था कि ललित मोदी ने भारतीय पासपोर्ट को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सकारात्मक रूप से सरेंडर करने के सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।

वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा था कि ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है। उन्होंने बताया था कि मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के तहत इसकी जांच की जाएगी।

ललित मोदी पर भारत में आरोप

आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी विदेशी मुद्रा उल्लंघन और वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप के साथ 2009 आईपीएल के लिए 425 करोड़ रुपये के टीवी अधिकार सौदे के संबंध में विभिन्न एजेंसियों की जांच के घेरे में हैं। विदेशी मुद्रा उल्लंघन से संबंधित मामलों के संबंध में मुंबई में आयकर और ईडी के अधिकारियों के साथ सिर्फ एक बार पूछताछ में हिस्सा लेने के बाद ललित मोदी मई 2010 में ब्रिटेन भाग गए थे।

साल 2008 में मोदी आईपीएल की शुरुआत के पीछे का एक बड़ा चेहरा थे। यह क्रिकेट की दुनिया में एक ऐसी लीग बनी जिसमें खेल के टी20 प्रारूप के साथ ग्लैमर का मिश्रण था। आज आईपीएल दुनिया के बड़े खेल आयोजनों में शुमार है। 

साल 2009 में जब भारत में लोकसभा चुनाव की वजह से आईपीएल को दक्षिण अफ्रीका में स्थानांतरित करना पड़ा, तब भी ललित मोदी ने साबित किया इस प्रोडक्ट की वैल्यू भारत के बाहर भी बहुत बड़ी है। 

बहरहाल, आईपीएल 2010 के फाइनल के तुरंत बाद मोदी को दो नई फ्रेंचाइजी, पुणे और कोच्चि पर बोली में हेराफेरी के साथ कदाचार, अनुशासनहीनता और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप के बाद बीसीसीआई से निलंबित कर दिया गया था। बीसीसीआई ने उनके खिलाफ जांच शुरू की और 2013 में एक समिति द्वारा उन्हें इन आरोपों का दोषी पाए जाने के बाद उन पर आजीवन प्रतिबंध भी लगा दिया गया था।

वित्तीय अनियमितताओं, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच साल 2010 में ललित मोदी भारत छोड़कर लंदन भाग गए थे। 

यह भी पढ़ें- नोएडा से कम आबादी, कोई टैक्स नहीं…कैसा है वानुआतु देश

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