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उत्तर प्रदेशः 100 से अधिक नाबालिगों के खाते में आए किसान सम्मान निधि के पैसे, पोल खुलने पर हुआ बवाल

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से सरकारी लापरवाही का एक मामला सामने आया है जहां किसान सम्मान निधि के तहत 100 से अधिक नाबालिगों के खातों में पैसा पहुंचा है। ऐसे में कृषि निदेशालय ने इसकी जांच के लिए दिया है।

बागपतः उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से धांधली का एक मामला सामने आया है। किसान सम्मान निधि का पैसा यहां नाबालिगों के खाते में जाने की खबर है। करीब 100 से अधिक नाबालिगों के खाते में किसान सम्मान निधि का पैसा भेजे जाने की खबर है।

ऐसे में कृषि निदेशालय ने किसान सम्मान निधि पाने वाले 131 नाबालिग लोगों का ब्योरा भेजा है और इसका सत्यापन कराकर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

100 से अधिक नाबालिगों के खाते में पहुंची किसान सम्मान निधि की किस्त

दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, बागपत में 131 नाबालिगों के बैंक खातों में किसान सम्मान निधि की राशि भेजी गई है। हालांकि, इसके लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। हालांकि, नाबालिगों के खाते में यह राशि जाने का मामला सामने आया है। दरअसल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से पात्र किसानों को हर साल छह हजार रुपये दिए जाते हैं।

यह राशि तीन किस्तों में भेजी जाती है जिसमें प्रत्येक किस्त में 2 हजार रुपये भेजे जाते हैं। इस खबर के सामने आने के बाद कृषि निदेशालय ने विभागीय उपनिदेशक को सूची उपलब्ध कराने को कहा है। सूची उपलब्ध कराने के साथ-साथ सत्यापन कर रिपोर्ट देने को भी कहा है।

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बागपत जिले के बेगमाबाद गढ़ी गांव के छह वर्षीय बालक, लंबू के 10 वर्षीय, किरठल गांव के 11 वर्षीय, असारा गांव के नौ वर्षीय बच्चे के खाते में किसान सम्मान निधि का पैसा प्राप्त हुआ है। इसके अलावा अन्य कई गांवों के नाबालिगों के बैंक खाते में भी पैसा पहुंचा है।

सरकारी लापरवाही का उदाहरण

ऐसे में यह मामला सरकारी विभाग की लापरवाही को दिखाता है। नाबालिगों के खाते में यह किसान सम्मान राशि कैसे पहुंची? फिलहाल यह जांच का विषय है। हालांकि मामला सामने आने के बाद सत्यापन के लिए कृषि विभाग लगा है। यह रिपोर्ट आने के बाद जो भी नाबालिग होगा, उन्हें किसान सम्मान निधि की राशि से वंचित होना पड़ सकता है। कृषि निदेशालय द्वारा जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि इनके पास जमीन कहां से आई।

किसान सम्मान निधि की शुरुआत फरवरी 2019 में हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरुआत गोरखपुर से की थी। वर्तमान में इस योजना के तहत करीब 10 करोड़ लाभार्थी किसान हैं। इस योजना के तहत अब तक 20 किस्तों में राशि किसानों के पास भेजी जा चुकी है।

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वहीं, 21वीं किस्त का किसानों को इंतजार है। इसके लिए किसानों को ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है। जो किसान ऐसा नहीं करते हैं, उन्हें इस राशि से वंचित होना पड़ सकता है। ऐसी संभावना है कि इस योजना के तहत 21वीं किस्त अक्टूबर महीने में जारी की जाएगी। ऐसे में जिन किसानों ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराई है, वह इसे करा सकते हैं। पीआईबी के आंकड़ों के मुताबिक, इस योजना के माध्यम से अब तक किसानों के खाते में 3.69 लाख करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं।

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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