Thursday, October 9, 2025
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अमेरिका में 22वां शटडाउन: ठप हुआ सरकारी कामकाज, डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन ने एक-दूसरे को ठहराया जिम्मेदार

राष्ट्रपति ट्रंप को 100 सदस्यों वाले सीनेट में फंडिंग बिल पास कराने के लिए 60 वोटों की दरकार थी। रिपब्लिकन पार्टी के पास सदन और सीनेट दोनों का नियंत्रण होने के बावजूद, बिल पास कराने के लिए उनके पास सात वोट कम पड़ गए।

अमेरिकी संघीय सरकार ने आधिकारिक रूप से शटडाउन लागू कर दिया है। सरकारी कामकाज फिर से ठप हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में फंडिंग बिल पास कराने में नाकाम रही, जिससे देश में शटडाउन लागू हो गया। अमेरिकी इतिहास का यह 22वां शटडाउन है। पिछला शटडाउन 2018 में लगा था। इस शटडाउन के लिए डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन, दोनों एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप को 100 सदस्यों वाले सीनेट में फंडिंग बिल पास कराने के लिए 60 वोटों की दरकार थी। रिपब्लिकन पार्टी के पास सदन और सीनेट दोनों का नियंत्रण होने के बावजूद, बिल पास कराने के लिए उनके पास सात वोट कम पड़ गए। बिल पास कराने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को डेमोक्रेट्स के समर्थन की भी जरूरत थी, लेकिन डेमोक्रेट्स ने उनकी मांगों का समर्थन नहीं किया।

डेमोक्रेट्स, जिनका नेतृत्व सीनेट में माइनॉरिटी लीडर चक शूमर और हाउस में माइनॉरिटी लीडर हकीम जेफ्रीज कर रहे हैं, ने किफायती देखभाल अधिनियम (Affordable Care Act) की सब्सिडी को बढ़ाने की मांग की जो साल के अंत में समाप्त होने वाली थी। यह कानून अमेरिका के पूर्व डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति ने पारित किया था।

डेमोक्रेटिक नेताओं ने सोमवार को राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। मुलाकात के कुछ घंटों बाद, ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक एआई-जनरेटेड वीडियो शेयर किया, जिसमें सदन के अल्पसंख्यक नेता हकीम जेफ्रीज और सीनेट के अल्पसंख्यक नेता चक शूमर का मजाक उड़ाया।

मंगलवार को ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने जरा भी झुकते नहीं देखा। उन्होंने आगे संघीय कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की भी धमकी दी और कहा, “जब आप इसे बंद करते हैं, तो आपको छंटनी करनी पड़ती है, हम बहुत से लोगों को नौकरी से निकाल देंगे।”

डेमोक्रेट्स ने रिपब्लिकन्स पर साधा निशाना

वहीं, पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने रिपब्लिकन पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि शटडाउन की जिम्मेदारी पूरी तरह से उनके पास है। उन्होंने एक्स एक पोस्ट में लिखा कि सरकार हेल्थकेयर पर खर्च नहीं करना चाहती और यह शटडाउन उनके ही फैसले का नतीजा है। कांग्रेस सदस्य शोंटेल ब्राउन ने कहा कि रिपब्लिकन सरकार फंड मुहैया कराने में पूरी तरह विफल रही और उन्होंने जानबूझकर अव्यवस्था को चुना।

शोंटेल ब्राउन ने कहा कि इस हफ्ते जब सरकार शटडाउन के कगार पर थी, हाउस रिपब्लिकन वाशिंगटन में तक मौजूद नहीं थे। यह कोई संयोग नहीं था; यह जानबूझकर किया गया फैसला था। हम (डेमोक्रेट्स) स्वास्थ्य सेवाओं को बचाने के लिए काम पर आए थे, लेकिन वे छुट्टी पर चले गए। ब्राउन ने आगे कहा कि जितनी देर तक शटडाउन जारी रहेगा, उतनी देर तक उत्तर-पूर्वी ओहायो के परिवारों, मजदूरों और समुदायों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

कांग्रेस सदस्य जैस्मीन क्रॉकेट ने भी आलोचना करते हुए कहा कि रिपब्लिकन नेताओं ने अव्यवस्था को चुना है। उन्होंने लिखा, “कोई भ्रम न हो, रिपब्लिकन हाउस, सीनेट और व्हाइट हाउस पर नियंत्रण रखते हैं। यह उनका शटडाउन है। उनके पास शासन करने के लिए सभी साधन थे, फिर भी उन्होंने अव्यवस्था को चुना। इसकी कीमत अमेरिकी जनता चुका रही है।”

सरकारी शटडाउन क्या है?

सरकारी शटडाउन तब होता है जब अमेरिकी सीनेट नए वित्तीय वर्ष (जो 1 अक्टूबर से शुरू होता है) के लिए संघीय एजेंसियों को फंडिंग देने वाले बिल पास नहीं कर पाती। फंडिंग न मिलने पर गैर-जरूरी सरकारी गतिविधियाँ बंद हो जाती हैं और कई संघीय कर्मचारियों को बिना वेतन घर भेज दिया जाता है या उन्हें बिना तुरंत वेतन के काम करना पड़ता है।

महत्वपूर्ण सेवाएँ, जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा और एयर ट्रैफिक कंट्रोल, जारी रहती हैं, लेकिन इन पर भी दबाव बढ़ जाता है। इस बार का शटडाउन तब शुरू हुआ जब रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पक्षों के प्रस्ताव सीनेट में फेल हो गए। डेमोक्रेट्स ने हेल्थकेयर टैक्स क्रेडिट बढ़ाने की मांग की, जबकि रिपब्लिकन ने झुकने से इनकार कर दिया।

अमेरिकी शटडाउन का किनपर पड़ेगा असर?

इस शटडाउन का सबसे ज्यादा असर संघीय कर्मचारियों पर होगा। लगभग 7.5 लाख कर्मचारी फर्लो पर जा सकते हैं, जिससे सरकार को प्रतिदिन करीब 40 करोड़ डॉलर का नुकसान होगा। आवश्यक सेवाओं में काम करने वाले, जैसे 2 लाख सैनिक, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और टीएसए एजेंट, बिना वेतन काम करेंगे। गैर-जरूरी कर्मचारी जैसे नेशनल पार्क या प्रशासनिक कामकाजी लोग बिना वेतन घर भेजे जाएंगे।

लगभग 41 लाख सरकारी ठेकेदार, जिनमें सफाईकर्मी और सुरक्षा गार्ड शामिल हैं, भी फर्लो के तहत आएंगे। इसके अलावा, वीजा और पासपोर्ट सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। यूएससीआईएस जैसी संस्थाएं फीस से चलती हैं, इसलिए उनका काम जारी रह सकता है, लेकिन लंबे शटडाउन के चलने से संचालन पर दबाव पड़ सकता है। पिछले शटडाउन में 86,000 इमीग्रेशन सुनवाई रद्द हो गई थीं।

शटडाउन का असर केवल कर्मचारियों तक सीमित नहीं है। राष्ट्रीय उद्यान, स्मिथसोनियन संग्रहालय और संघीय न्यायालय बंद हो सकते हैं। एफडीए की नियमित खाद्य सुरक्षा जांचें भी प्रभावित हो सकती हैं। इससे पहले अमेरिका में शटडाउन राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल में हुआ था और यह 35 दिनों तक चला था, जो इतिहास में सबसे लंबा शटडाउन था। तब अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 11 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि शटडाउन कब तक चलेगा। इस बार संघीय कर्मचारियों पर असर और गंभीर हो सकता है क्योंकि व्हाइट हाउस ने संभावित स्थायी कटौती की तैयारी का संकेत दिया है।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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