Friday, October 10, 2025
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तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री ने एस जयशंकर और शहबाज शरीफ से फोन पर क्या बात की?

वॉशिंगटन: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में जारी तनातनी के बीच अमेरिका ने दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से बात की। रुबियो ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही कश्मीर में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की जांच में पाकिस्तान से सहयोग करने का आग्रह किया। पहलगाम आतंकी हमले में 22 अप्रैल को 26 लोगों की हत्या आतंकियों द्वारा कर दी गई थी।

सामने आई जानकारी के अनुसार एस जयशंकर के साथ बातचीत के दौरान रुबियो ने नई दिल्ली के साथ एकजुटता व्यक्त की और पहलगाम में हुए भयानक आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के लिए अपना दुख व्यक्त किया। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस के अनुसार रुबियो ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करने की संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराया, लेकिन साथ ही सावधानी बरतने के लिए भी कहा। भारत पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को जिम्मेदार मान रहा है और आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की भी बात कही है।

बहरहाल, रुबियो ने भारत को पाकिस्तान के साथ मिलकर तनाव कम करने और दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। इस फोन कॉल के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया कि हमले के ‘अपराधियों, समर्थकों और योजना बनाने वालों’ को ‘न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।’

दूसरी ओर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ के साथ बातचीत के दौरान रुबियो ने पाकिस्तान से 22 अप्रैल को कश्मीर में हुए हमले की निंदा करने और जांच में सहयोग करने को कहा। अमेरिकी प्रवक्ता के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री ने ‘इस अमानवीय हमले की जांच में पाकिस्तानी अधिकारियों से सहयोग करने का आग्रह किया।’ 

रुबियो ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से कहा कि वे तनाव कम करने, सीधे संचार को फिर से स्थापित करने और दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करें। अमेरिकी प्रवक्ता ब्रूस के अनुसार दोनों नेताओं ने आतंकवादियों को उनकी जघन्य हिंसा के लिए जवाबदेह ठहराने की अपनी प्रतिबद्धता जताई। 

पहलगाम आतंकी हमले पर अमेरिकी की प्रतिक्रिया

भारत ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल, पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के ही एक संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी भी ली है। इस बीच पाकिस्तान ने जिम्मेदारी से इनकार किया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। 

आतंकी हमले की निंदा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने सार्वजनिक रूप से भारत के लिए समर्थन व्यक्त किया है, लेकिन अमेरिका ने सीधे-सीधे पाकिस्तान की आलोचना नहीं की है। जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान अभी भी वाशिंगटन का सहयोगी बना हुआ है, भले ही पड़ोसी अफगानिस्तान से 2021 में अमेरिका की वापसी के बाद उसका महत्व कम हो गया हो। 

एक दिन पहले ही मंगलवार को एक वाकया सामने आया था जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का अमेरिका के लिए ‘डर्टी वर्क’ करने के बयान पर अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस से एक पत्रकार ने सवाल दाग दिया था। इस पर टैमी ब्रूस ने सवाल का सीधे तौर पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और कहा कि अमेरिका हालात पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान की सरकारों के साथ कई स्तरों पर संपर्क में हैं। यह सिर्फ विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत तक सीमित नहीं है, बल्कि कई अन्य स्तरों पर भी बातचीत जारी है।

बहरहाल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करते हुए कई कदम उठाए हैं। चूंकि खुफिया रिपोर्टों में कथित तौर पर पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित समूहों का हाथ बताया गया है, इसलिए नई दिल्ली ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं। वाघा-अटारी सीमा भी बंद कर दी गई है।

इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है और शिमला समझौते को भी खत्म करने की बात कही है। भारत ने भी बुधवार को पाकिस्तान के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया।

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