वॉशिंगटन स्थित कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के वरिष्ठ शोधकर्ता और भारत-अमेरिका संबंधों के प्रमुख विशेषज्ञ ऐश्ले टेलिस को गिरफ्तार किया गया। भारतीय मूल (अब अमेरिकी नागरिक) के ऐश्ले को 11 अक्टूबर 2025 को वर्जीनिया के विएना इलाके में उनके घर से हिरासत में लिया गया। ऐश्ले पर राष्ट्रीय रक्षा जानकारी को गैरकानूनी ढंग से अपने पास रखने का आरोप लगाया गया है, जिसमें एक हजार से अधिक पन्नों के ‘टॉप सीक्रेट’ और ‘सीक्रेट’ चिह्नित दस्तावेज शामिल हैं।
एफबीआई के हलफनामे के मुताबिक, सितंबर और अक्टूबर 2025 के बीच टेलिस ने रक्षा और विदेश मंत्रालय की इमारतों में जाकर संवेदनशील दस्तावेजों को एक्सेस और प्रिंट किया, फिर उन्हें एक ब्रीफकेस में डालकर बाहर ले गए।
वीडियो फुटेज में 12 सितंबर को टेलिस को डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस के मार्क सेंटर (अलेक्ज़ेंड्रिया) में देखा गया, जहां उन्होंने अपने सहयोगी से कई गोपनीय दस्तावेज प्रिंट करवाए, जिनमें एक दस्तावेज ‘टॉप सीक्रेट’ स्तर का था।
इसके बाद 25 सितंबर को उन्होंने वॉशिंगटन स्थित स्टेट डिपार्टमेंट के एक कंप्यूटर सिस्टम पर 1,288 पन्नों वाला ‘सीक्रेट’ अमेरिकी वायुसेना से जुड़ा दस्तावेज़ खोला, उसका नाम बदलकर ‘आर्थिक सुधार’ किया, सैकड़ों पन्ने प्रिंट किए और फिर फाइल को डिलीट कर दिया।
एफबीआई के अनुसार, 10 अक्टूबर को टेलिस को दस्तावेजों को नोटपैड्स के बीच छिपाकर अपने ब्रीफकेस में रखते और घर जाते हुए देखा गया।
चीन अधिकारियों से भी मुलाकात
हलफनामे में यह भी बताया गया कि टेलिस पिछले कुछ वर्षों में चीनी अधिकारियों से कई बार मिल चुके हैं। 2022 की एक बैठक में वे एक मनीला लिफाफा लेकर पहुंचे थे और बिना लिफाफे के लौटे। हाल की मुलाकातों में उन्होंने चीन-ईरान संबंधों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों पर चर्चा की थी। सबसे हाल की बैठक 2 सितंबर 2025 को बताई गई है, जिसमें उन्हें चीनी अधिकारियों की ओर से एक लाल उपहार बैग दिया गया था।
64 वर्षीय ऐश्ले टेलिस पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के कार्यकाल में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में काम कर चुके हैं। वे वर्तमान में स्टेट डिपार्टमेंट के वरिष्ठ सलाहकार (बिना वेतन) और डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (DoD) के कॉन्ट्रैक्टर हैं। साथ ही वे कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में सीनियर फेलो के रूप में कार्यरत हैं। टेलिस भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु समझौते के वार्ताकारों में भी शामिल रहे हैं।
10 साल तक की हो सकती है सजा
वर्जीनिया के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट की अमेरिकी अटॉर्नी लिंडसे हॉलिगन ने कहा, “यह मामला हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। हम अमेरिकी नागरिकों को विदेशी और घरेलू दोनों तरह के खतरों से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, यदि टेलिस दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें अधिकतम 10 साल की जेल और 2.5 लाख डॉलर का जुर्माना हो सकता है।
स्टेट डिपार्टमेंट और पेंटागन ने जांच जारी होने की वजह से इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया है। वहीं कार्नेगी एंडॉमेंट की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।