अमेरिका और पाकिस्तान के बीच नजदीकियां लगातार बढ़ती दिख रही है। रेयर अर्थ्स सौदे और अरब सागर में बंदरगाह बनाने के प्रस्ताव जैसे बड़े सहयोग के बाद, अब अमेरिका ने पाकिस्तान वायु सेना (पीएएफ) को उन्नत हवा से हवा में मार करने वाली AIM-120 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलों (AMRAAM) की बिक्री को मंजूरी देकर पाकिस्तान को एक बड़ा ‘इनाम’ दिया है। अमेरिका के इस कदम ने भारत की सुरक्षा चिंताएँ बढ़ा दी हैं, क्योंकि यह मिसाइल वही है जिसका उपयोग 2019 में भारतीय वायु सेना के मिग-21 लड़ाकू जेट को गिराने के लिए किया गया था।
अमेरिकी युद्ध विभाग (DoW) द्वारा हाल ही में जारी अधिसूचना में पाकिस्तान को इन मिसाइलों के 35 खरीदारों की सूची में शामिल किया गया है। अनुबंध के अनुसार, पाकिस्तान को AIM-120D-3 AMRAAM मिलेंगी, जिनकी आपूर्ति मई 2030 तक पूरी होने की उम्मीद है।
AMRAAM मिसाइल कितनी खतरनाक?
AMRAAM मिसाइल अमेरिकी रक्षा कंपनी रेथियॉन द्वारा विकसित की गई है। रेथियॉन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, AIM-120C-8 और AIM-120D-3, AMRAAM मिसाइल के दो अंतरराष्ट्रीय संस्करण हैं, जिनका इस्तेमाल मुख्य रूप से एयर-टू-एयर और सरफेस-टू-एयर दोनों मिशनों में किया जाता है। यह AIM-7 Sparrow मिसाइल शृंखला की अगली पीढ़ी है।
AIM-120 तेज, हल्की और छोटे आकार की मिसाइल है, जो कम ऊंचाई पर भी लक्ष्य को सटीक निशाना बना सकती है। यह मिसाइल 160 किलोमीटर तक की दूरी में लक्ष्यों को मार सकती है और इसमें ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक है।यह सक्रिय रडार और इनर्शियल सिस्टम से लैस है जिसका मतलब है कि मिसाइल को विमान के फायर-कंट्रोल सिस्टम पर पूरी तरह निर्भर रहने की जरूरत नहीं होती।
इस मिसाइल में लगा रडार खुद लक्ष्य को पहचानकर उसकी दिशा तय करता है। इससे पायलट एक ही समय में कई मिसाइलें अलग-अलग दुश्मन विमानों पर दाग सकता है और उसी दौरान अपने विमान को सुरक्षित दिशा में मोड़ सकता है। AMRAAM मिसाइल को F-15, F-16, F/A-18, F-22, यूरोफाइटर टाइफून, जेएएस-39 ग्रिपेन, बवंडर, हैरियर और सभी F-35 जैसे लड़ाकू विमानों में लगाया जा सकता है।
पाकिस्तान के F-16 बेड़े को मिलेगी ताकत
विशेषज्ञों का मानना है कि इस सौदे से पाकिस्तान के F-16 बेड़े की मारक क्षमता और तकनीक दोनों में बड़ा सुधार होगा। फिलहाल पाकिस्तान AIM-120C5 मिसाइलों का इस्तेमाल करता है, जिन्हें 2010 में खरीदा गया था। नई AIM-120C8 मिसाइलें इन पुरानी मिसाइलों की जगह लेंगी और पाकिस्तान को आधुनिक युद्ध तकनीक से लैस करेंगी।
अमेरिकी रक्षा जर्नल क्ववा (Quwa) के अनुसार, पाकिस्तान लंबे समय से इन मिसाइलों की मांग कर रहा था, खासकर तब से जब भारत ने अपने राफेल विमानों में मेटियोर मिसाइलें शामिल कीं। नई डील के तहत सी8 मिसाइलें पाकिस्तान की एफ-16 ब्लॉक 52 फ्लीट में लगाई जाएंगी, जिससे उसकी बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) यानी दूर से लक्ष्य भेदने की क्षमता और मजबूत होगी।
पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि यह सौदा संभवतः एक बड़े रक्षा पैकेज की शुरुआत हो सकता है। जुलाई 2025 में पाक वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर की अमेरिका यात्रा के दौरान इस दिशा में संकेत मिले थे।
क्या भारत को चिंतित होने की जरूरत है?
अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइलें बेचने का हालिया कदम भारत के लिए चिंता का विषय बन गया है। यह मिसाइलें पाकिस्तान की F-16 फ्लीट में शामिल की जाएंगी और उसकी एयर-स्ट्राइक क्षमता को काफी बढ़ा देंगी, जिससे भविष्य में किसी भी सीमा पर मुठभेड़ में भारत की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस डील से अमेरिका-पाकिस्तानी सैन्य संबंधों की मजबूती और भारत के लिए रणनीतिक तनाव से इनकार नहीं किया जा सकता है।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते ट्रंप प्रशासन के तहत और गहरे हुए हैं और भारत के साथ स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भी अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ अपने रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाया, जबकि भारत लगातार सीमा पर सतर्कता बनाए रखता रहा। पाकिस्तान पहले ही चीन से भारी हथियार खरीद चुका है, जैसे PL-15 मिसाइल और HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, और SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान की लगभग 81% हथियार आयात चीन से हुई। अमेरिका की यह नई मिसाइल डील पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को और मजबूत बना देंगी।
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी भी जारी है। 2024 में भारत ने अमेरिका से 31 MQ-9B Sky/Sea Guardian ड्रोन, Hellfire मिसाइलें और GBU-39B/B लेज़र बम खरीदे। जनवरी 2025 में अमेरिका ने भारत को Stryker कॉम्बैट व्हीकल के उत्पादन में तकनीकी सहयोग देने की मंजूरी दी, ताकि भारत वैश्विक स्तर पर इसे तैयार कर सके। पिछले 15 वर्षों में भारत ने अमेरिका से C-17, C-130J, P-8I, AH-64E Apache, CH-47F Chinook, MH-60R Seahawk जैसी प्रमुख सैन्य संपत्तियां खरीदी हैं।