Thursday, October 9, 2025
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UPSC डिजिलॉकर से करेगा उम्मीदवारों के प्रमाणपत्र का सत्यापन, पूजा खेडकर मामले के बाद उठाया कदम

UPSC अब डिजिलॉकर के माध्यम से अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन करेगा। चेयरमैन अजय कुमार ने इसकी घोषणा की। परीक्षाओं में धोखाधड़ी को कम करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।

नई दिल्लीः परीक्षाओं में धोखाधड़ी की चिंताओं को रोकने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बड़ा कदम उठाया है। यूपीएससी के चेयरमैन अजय कुमार ने बुधवार, 1 अक्टूबर को कहा कि भर्ती निकाय अब अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन डिजिलॉकर के माध्यम से करेगा। आयोग द्वारा यह कदम हाल ही में आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर पर ओबीसी प्रमाणपत्र और विकलांगता प्रमाणपत्र के दुरुपयोग के आरोप के बाद उठाया गया है।

बुधवार को दूरदर्शन द्वारा संचालित एक वर्चुअल टाउन हॉल को संबोधित करते हुए अजय कुमार ने ईमेल के जरिए भेजे गए और सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए उम्मीदवारों के सवाल के जवाब दिए। UPSC ने 1 अक्टूबर को अपने शताब्दी समारोह की शुरुआत की।

UPSC चेयरमैन ने क्या कहा?

इस दौरान परीक्षाओं में नकल और पूर्व आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर के मामले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट हैं, हम नकल को बर्दाश्त नहीं करते। उन्होंने आगे कहा कि परीक्षा में नकल करते पकड़े गए उम्मीदवारों को कम से कम तीन साल के लिए निलंबित किया गया। इसके साथ ही आपराधिक धोखाधड़ी के मामले में कानूनी कार्रवाई भी की गई।

उन्होंने कहा कि पूजा खेडकर पर कार्रवाई की जाएगी। नियमों के अनुसार, उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, UPSC की परीक्षा में अभ्यर्थियों द्वारा जाली प्रमाणपत्रों के मुद्दे पर कुमार ने कहा कि निकाय जल्द ही डिजिलॉकर के माध्यम से प्रमाणपत्रों का सत्यापन करेगा। डिजिलॉकर भारत सरकार का क्लाउड आधारित प्लेटफॉर्म है जो दस्तावेजों को संग्रहित करने और सत्यापन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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उन्होंने आगे कहा कि कई बार यह सवाल उठता है कि जमा किए गए प्रमाणपत्र जारीकर्ता प्राधिकारी द्वारा जारी किए गए हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों द्वारा जमा किए गए प्रमाणपत्रों की प्रमाणिकता की जांच के लिए डिजिलॉकर का इस्तेमाल किया जाएगा।

CSE 2022 में चुनी गई थी पूजा खेडकर

गौरतलब है कि खेडकर जो कि साल 2022 में सिविल सेवा परीक्षा में चुनी गई थी, उन पर आरोप है कि नौ प्रयास पूरे होने के बाद भी उन्होंने परीक्षा दी। कथित तौर पर वह ऐसा इसलिए कर पाईं क्योंकि उसने अपना नाम, माता-पिता का नाम बदला था जिससे एक अलग उम्मीदवार बनी। साल 2024 में यूपीएससी ने पूजा खेडकर की 2022 परीक्षा की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और इसके साथ ही भविष्य में परीक्षा देने पर भी रोक लगा दी थी।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने उन्हें 2022 में उम्मीदवार बनने के अयोग्य पाया और आईएएस के पद से बर्खास्त कर दिया। खेडकर ने हालांकि इन आरोपों से इंकार कर दिया और अदालत में चुनौती दे रही हैं।

इस दौरान कुमार ने अभ्यर्थियों के कई अन्य सवालों और मुद्दों पर जवाब दिया। आयु सीमा और अटेम्प्ट की संख्या में बदलाव की अफवाहों पर उन्होंने उम्मीदवारों से ऐसी अटकलों पर ध्यान न देने को कहा। उन्होंने कहा कि यूपीएससी द्वारा ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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