Friday, October 10, 2025
HomeकारोबारUPI में 1 अगस्त से होंगे बड़े बदलाव, डेली बैलेंस चेक, ऑटो...

UPI में 1 अगस्त से होंगे बड़े बदलाव, डेली बैलेंस चेक, ऑटो पे और अन्य सेवाओं में क्या परिवर्तन होगा?

नई दिल्लीः नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) 1 अगस्त से यूपीआई में कई बदलाव लागू करने जा रहा है। एनपीसीआई द्वारा इन बदलावों में डेली बैलेंस चेक, ट्रांजैक्शन स्टेटस जैसे बदलाव किए जाने हैं। इसका उद्देश्य यूपीआई को स्थिर और कुशल बनाना है। 26 अप्रैल को एनपीसीआई ने इसको लेकर एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें कहा गया था कि यूपीआई ट्रांजैक्शन के प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए काम कर रहे हैं। इसमें आगे कहा गया कि इन बदलावों से प्रेषक बैंकों, लाभार्थी बैंकों, फोन पे, गूगल पे और पेटीएम जैसे भुगतान सेवा प्रदाताओं को लाभ होगा। 

इसके बाद 21 मई 2025 को एनपीसीआई ने कहा “पीएसपी बैंक/या अधिग्रहण करने वाले बैंक ये सुनिश्चित करेंगे कि यूपीआई को भेजे गए सभी एपीआई अनुरोध की निगरानी की जाए और उचित उपयोग के संदर्भ में नियंत्रित किया जाए।”

क्या होंगे बदलाव? 

1 अगस्त से यूपीआई के नियमों में जो बदलाव हो रहे हैं, उन पर चर्चा करेंगे। 

डेली बैलेंस चेक लिमिट – नए नियमों के मुताबिक, यूजर्स 1 अगस्त से दिन भर में अधिकतम 50 बार अपना बैलेंस चेक कर सकेंगे। यह सीमा हर ऐप के लिए होगी। अगर यूजर एक से अधिक ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं तो हर ऐप के लिए यह सीमा 50 होगी। 

ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक लिमिट – यूजर्स अब नए नियमों के मुताबिक, पेंडिंग ट्रांजैक्शन की जांच केवल तीन बार हो सकेगी। इनके बीच 90 सेकंड का अंतराल होना चाहिए। 

ऑटो पे टाइमिंग – नए नियमों के मुताबिक, ऑटोपे के लिए टाइमिंग तय की जाएंगी, जिसके लिए सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 से 5 बजे और रात में 9:30 के बाद की टाइमिंग तय की गई हैं। 

लिंक बैंक अकाउंट – लिंक अकाउंट को दिन में सिर्फ 25 बार देखा जा सकेगा। 

भुगतान वापसी – भुगतान वापसी को लेकर अनुरोधों की सीमा भी तय की गई है। इसके तहत यूजर्स 30 दिनों में अधिकतम 10 बार वापसी अनुरोध कर सकेंगे। यह सीमा प्रत्येक भेजने वाले के लिए 5 बार होगी। 

लााभार्थी का नाम होगा प्रदर्शित – भुगतान की पुष्टि से पहले रिसीवर का बैंक नाम दिखाई देगा जिससे त्रुटियों और धोखाधड़ी में कमी आएगी। 

यूपीआई ऐप्स और बैंकों के लिए कड़े नियम – नए नियमों के तहत एनपीसीआई एपीआई के उपयोग की निगरानी करेगा और जो नियमों का पालन नहीं करेंगे तो ऐप्स पर कार्रवाई की जाएगी या फिर इन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। 

इस सर्कुलर में आगे कहा गया कि “सदस्यों से अनुरोध किया जाता है कि वे इस अनुपालन आवश्यकता पर ध्यान दें और 31 जुलाई 2025 तक कार्यान्वयन के लिए संबंधित हितधारकों और भागीदारों को सूचित करें।”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा